करनाल, 14 मई (हप्र)
प्रदेश भर से पहुंचे हजारों किसानों ने शनिवार को करनाल के गांव बदराला में रोष प्रदर्शन करते हुए खेतों में हाईवोल्टेज पिलर लगाने के लिए खड़े किये जा रहे स्ट्रक्चर उखाड़ फेंके और गड्ढ़ों को मिट्टी से भर दिया।
हाईवोल्टेज पिलर लगाने का काम मूंड गांव के पॉवर हाउस से पानीपत रिफाइनरी को जाने वाली सप्लाई के लिए किया जा रहा है। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में किसानों ने स्ट्रक्चर उखाड़े और चेतावनी दी कि किसानों को उनकी जमीन का पूरा मुआवजा मिले बिना तार को खेतों से नहीं निकलने दिया जायेगा। इससे पहले किसानों ने असंध के गुरुद्वारा डेरा साहिब में जब महापंचायत शुरू की तो एसडीएम असंध मंदीप सिंह की अगुवाई में पुलिस प्रशासनिक व बिजली निगम का अमला किसान नेताओं से वार्ता करने पहुंच गया। इस दौरान भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी और रतन मान की अगुवाई में 11 सदस्यीय दल ने प्रशासन से वार्ता की। एक घंटे तक चली वार्ता के बाद किसानों ने खेतों में जाकर पिलर स्ट्रक्चर उखाड़ने का ऐलान कर दिया।
बिना मुआवजा नहीं निकलेंगी तारें : चढ़ूनी
वार्ता को विफल बताते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार किसानों को पर्याप्त मुआवजा नहीं देना चाहती और उनकी जमीनों पर जबरदस्ती कब्जा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बंदराला में पक्का मोर्चा लग गया है और बिना मुआवजे के तार नहीं निकलेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी कह रहे हैं कि केवल पिलर के नीचे आने वाली जमीन का मुआवजा डीसी रेट पर दिया जायेगा जबकि सेंट्रल पालिसी के अनुसार खेत से गुजर रही तार के नीचे के एरिया का भी मुआवजा मिलना चाहिये।
पॉलिसी के अनुसार दिया जायेगा मुआवजा : एसडीएम
किसानों के बीच पहुंचे एसडीएम असंध ने अपील की कि प्रशासन के काम में बाधा न डाली जाये। उन्होंने कहा कि पाॅलिसी के अनुसार किसान को मुआवजा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसान 10 से 15 लाख तक मुआवजा मांग रहे हैं, जबकि क्षेत्र में जमीन का कलेक्टर रेट 19 से 22 लाख प्रति एकड़ है और खेताें में स्ट्रक्चर कुछ जगह पर ही लगना है। उसी के अनुसार मुआवजा देंगे।
सोमवार को शक्ति भवन, पंचकूला में होगी वार्ता
भाकियू के अध्यक्ष रतन मान ने बताया कि अब इस मामले में हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के एमडी टीएन सत्यप्रकाश के साथ सोमवार को पंचकूला के शक्ति भवन में किसान प्रतिनिधिमंडल की वार्ता होगी। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग है कि जिस भी एकड़ में हाईवोल्टेज पिलर लगे उसका 15 लाख मुआवजा दिया जाये जबकि सरकार केवल फसल खराबे का 2 लाख 10 हजार देना चाहती है। उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर हाईवोल्टेज पिलर लगता है, उस एकड़ की कीमत खत्म हो जाती है, क्योंकि उसके आसपास कोई निर्माण कार्य नहीं हो पाता।
आधी रह जाएगी कीमत
रोष जाहिर कर रहे किसानों ने कहा कि खेतों में हाईवोल्टेज पिलर लगने से उनकी जमीन की कीमत आधी रह जाती है। वे पिलर के आसपास 100 फुट तक पेड़ भी नहीं लगा सकते।