अम्बाला शहर, 26 अप्रैल (हप्र)
जिला में गेहूं की कटाई और मंडियों में आवक का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है, लेकिन एक ओर आढ़ती लिफ्टिंग नहीं होने से दु:खी होकर उठान के लिए पैसे देने को मजबूर हो रहे हैं तो वहीं किसान भुगतान नहीं मिलने से झल्लाए हुए हैं और सरकार के प्रति अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं। अधिकांश अधिकारी तो फोन ही नहीं उठाते और कुछ ऐसे भी हैं जो फोन पर मीटिंग में व्यस्त होने और बाद में काल बैक का आश्वासन देते हैं।
शहर अनाज मंडी के कुछ आढ़तियों ने अपना नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि पिछले 2 दिन से एक भी ट्रक लिफ्टिंग के लिए नहीं मिला है। किसान उन्हें दबाव देते हैं कि वे तुरंत इसकी लिफिटंग करवाएं ताकि उनका भुगतान आ सके, जिसके चलते ट्रे वाले अब 3-4 रुपये प्रति बोरी मांग रहे हैं। हालांकि गेहूं उठान की जिम्मेवारी केवल खरीद एजेंसियों की ही है।
इसी बीच मंडी में कई ऐसे किसान मिले, जिन्होंने बताया कि उन्हें 12 अप्रैल को बिकी गेहूं का भरुगतान अब तक नहीं मिल पाया। सादापुर के अवतार सिंह ने बताया कि उन्होंने 14 अप्रैल को 195 क्विंटल बेहूं बेची थी लेकिन अभी तक भुगतान नहीं मिला है जबकि गेहूं कटाई से लेकर तूडी बनाने तक वाला अपने पैसे मांग रहा है। इसी प्रकार मुजफरा के किसान देवीलाल ने बताया कि उसने 450 क्विंटल गेहूं मंडी में बेची और उसे 12 अप्रैल के बाद से कोई भुगतान नहीं मिला। एक अन्य किसान शेर पाल का कहना था कि उसने 290 क्विंटल गेहूं 12 अप्रैल को बेची थी और उसकी सारी गेहूं एजेंसी के गोदामों में भी पहुंच चुकी है लेकिन उसे एक पैसा भी भुगतान नहीं हुआ।
आढ़ती एसोसिएशन के जिला प्रधान दूनी चंद दानीपुर ने बताया कि आढ़तियों को दो दिन का ही लेबर और सिलाई आदि का भुगतान मिला लेकिन बार-बार मांग करने के बावजूद बाकी का भुगतान नहीं मिल रहा। सरकार अपने वादों पर खरा नहीं उतर रही।
डीएमईओ राधेश्याम शर्मा की मानें तो गेहूं खरीद का कार्य सभी खरीद केन्द्रों पर सुचारू रूप से चल रहा है और मात्र कुछ गेहूं ही मंडियों में आनी बाकी है।