कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 24 मई
हिसार जिंदल मॉडर्न स्कूल में बनाए गए 500 बेड के अस्थाई कोविड केयर अस्पताल का 16 मई को उद्घाटन करने आए मुख्यमंत्री का विरोध करते समय किसानों व पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प में समझौते के बावजूद एफआईआर दर्ज करने से अक्रोशित किसान हजारों की संख्या में क्रांतिमान पार्क में एकत्रित हो गए। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढुनी, जोगेंद्र सिंह उग्राहा, सुमन हुड्डा के अलावा चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान भी हिसार पहुंच गए हैं। किसानों को यहां से आयुक्त कार्यालय पर जाकर प्रदर्शन करना था लेकिन प्रशासन के न्यौते के बाद किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन से वार्ता की। किसान नेताओं ने कहा कि अब उनकी मांग पूरे हरियाणा में किसानों के खिलाफ दर्ज सभी केस खारिज किए जाएं।

किसानों के पूर्वघोषित प्रदर्शन के मद्देनजर जिला प्रशासन ने विभिन्न जिलों से 40 के करीब कंपनियां हिसार बुलाई हुई है जिसमें पैरामिल्ट्री फोर्स, आएएफ की कंपनियां भी शामिल हैं। किसानों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सरकार से अतिरिक्त बल की भी मांग की है। वहीं क्रांतिमान पार्क, लघु सचिवालय व शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 21 ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं और 16 ड्यूटी मजिस्ट्रेट को रिजर्व में रखा हुआ है।
प्रशासनिक व पुलिस की तैयारी के बावजूद सोमवार सुबह हिसार के चारों टोल पर किसान एकत्रित हो गए और फिर क्रांतिमान पार्क की तरफ आए। यहां पर यकायक ही हजारों की संख्या में किसानों की भीड़ एकत्रित हो गई जिसमें महिलाओं व युवाओं की संख्या भी काफी है।

इसी दौरान सोमवार दोपहर को जिला प्रशासन की तरफ से एसडीएम बातचीत का न्यौता देने आए और फिर किसानों ने 11 सदस्यीय कमेटी बनाई लेकिन कमेटी में शामिल नेताओं की संख्या 20 के करीब हो गई। इनमें प्रमुख रूप से राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढुनी, बलबीर सिंह राजेवाल, जोगेंद्र सिंह उग्राहा, सुमन हुड्डा, शमशेर सिंह नंबरदार, कुछ खाप नेता आदि शामिल हैं। दोपहर करीब 3 बजे किसानों का प्रतिनिधिमंडल सचिवालय में बातचीत के लिए गया।
प्रशासन के साथ बातचीत के लिए जाने से पूर्व पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान नेता गुरनाम सिंह चढुनी व जोगेंद्र सिंह उग्राहा ने कहा कि अब उनकी मांग हिसार में दर्ज मुकदमा नहीं बल्कि किसानों के खिलाफ पूरे हरियाणा में दर्ज सभी मुकदमे खारिज करने की है। उन्होंने कहा कि आज अगर उनकी मांग नहीं मानी तो यहीं से वे अगली रणनीति का ऐलान करेंगे। दिल्ली के बॉर्डर की बजाय हिसार को आंदोलन का केंद्र बनाने की सरकार की मंशा की चर्चा पर उन्होंने कहा कि यह हो सकता है लेकिन मोर्चा का आंदोलन दिल्ली बॉर्डर पर जारी रहेगा और हिसार में भी चलता है तो इससे मोर्चा को मजबूती ही मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार की सोच फासीवाद की है और सरकार चाहती है कि किसानों के आंदोलन को हिंसक बना दिया जाए और बदनाम कर दें।
एक किसान की हार्टअटैक से मौत
हिसार के क्रांतिमान पार्क में प्रदर्शन के लिए आए एक बुजुर्ग किसान की सोमवार को हार्ट अटैक की मौत हो गई। किसान नेताओं ने मृतक किसान उगालन गांव निवासी रामचंद्र खर्ब को शहीद का दर्जा दिया और सरकार से मांग की है कि शहीद के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
बीकेयू नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चारुनी समेत कई किसान नेता भी कस्बे में पहुंचे। चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान और अन्य किसान नेताओं के भी हिसार शहर पहुंचने की उम्मीद है। इस बीच, मिनी सचिवालय और वरिष्ठ प्रशासन, पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के आवास को पुलिस ने लगभग सील कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि हिसार और उसके आसपास 70 पुलिस कंपनियां तैनात की गई हैं। किसान नेता सूबे सिंह बूरा ने कहा कि उनका विरोध शांतिपूर्ण रहेगा। संभागीय आयुक्त ने रविवार को किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रण भेजा था, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया।

उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार (16 मई) को हिसार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा कोविड अस्पताल के उद्घाटन के दौरान पुलिस के साथ किसानों की हिंसक झड़प हुई। पुलिस ने हत्या के प्रयास और आईपीसी की अन्य धाराओं के आरोप में लगभग 350 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किए जिससे किसान नाराज़ थे। हिंसा तब भड़की जब किसानों ने सीएम के दौरे पर विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की। विरोध प्रदर्शन स्थल तक पहुंचने से पहले ही सीएम कार्यक्रम स्थल से निकल गए, लेकिन किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसमें दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए।