पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 19 जनवरी
तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए आंदोलन कर रहे किसानों के मददगार बने लोगों को एनआईए के नोटिस मिलने से किसान खफा हो गए हैं। कुंडली धरनास्थल पर भी अब तक तीन किसानों के सेवादारों व जत्थेदारों को नोटिस दिया गया है। इसे लेकर किसानों के तेवर तल्ख हो रहे हैं और साफ कर दिया है कि नोटिस का जवाब देने के लिए कोई नहीं जाएगा और जांच में शामिल भी नहीं होगा।
इससे पहले किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा पहले ही एनआईए के सामने पेश होने से साफ इनकार कर चुके हैं। किसानों ने तय किया है कि वह संयुक्त मोर्चा की ओर से आदेश मिलने पर ही एनआईए के सामने पेश हो सकते हैं। यह फैसला मोर्चा को लेना है कि इसमें उनका क्या रूख है। अगर मोर्चा कहेगा, तो जांच में शामिल होने के लिए वह लोग जाएंगे, अन्यथा नहीं जाएंगे। इधर, मंगलवार को मंच से बलदेव सिंह सिरसा ने एक चिट्ठी पढ़कर सुनाई। इसे दिल्ली भाजपा की चिट्ठी बताया जा रहा है।
चिट्ठी में आरएसएस के सदस्यों को संबोधित कर कहा गया है कि वे किसी भी सूरत में सरकारी संपत्ति या भाजपा कार्यालयों को डैमेज न होने देंगे। चिट्ठी में बताया गया है कि किसान आंदोलन में कुछ देशद्रोही और गैर-जिम्मेदाराना लोग शामिल हैं। इनसे निपटने के लिए हर समय तैयार रहना होगा। मंच से किसानों को संदेश दिया गया कि वह किसी भी साजिश के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में पूरी तरह से चौकन्ने रहें और आंदोलन को कमजोर नहीं होने दें। उन्होंने कहा कि सीधे तौर पर सरकार किसान आंदोलन को दबाने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रही है, लेकिन किसान आंदोलन कमजोर नहीं होने देंगे।
सरकार रच रही है गैर जिम्मेदाराना साजिश
किसानों ने कहा कि सरकार की साजिश है कि किसानों को सुरक्षा एजेंसियों के जरिये डराया-धमकाया जाए। मंच से बलदेव सिरसा ने कहा कि वे कभी भी किसी ऐसे संगठन के संपर्क में नहीं रहे, जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। वह यहां निरंतर सेवारत हैं और अन्य साथी जिन्हें नोटिस भेजा गया है, वे किसान आंदोलन में सेवारत हैं। लेकिन इसके बावजूद उन्हें आतंकी ठहराने का षडयंत्र रचा जा रहा है। चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि इस मामले में किसी भी भाजपाई पर मामला दर्ज नहीं होने दिया जाएगा।
प्रतिबंधित संगठनों से धन लेने का आरोप
दरअसल, पिछले 55 दिनों से दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन चल रहा हैं। आंदोलन में शामिल कुछ किसानों व किसानों की सेवा में जुटे कारोबारियों को पिछले दिनों एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। इनमें बलदेव सिंह सिरसा को 17 जनवरी को एनआईए के सामने पेश होने को कहा गया था, लेकिन सिरसा एनआईए के सामने पेश नहीं हुए और कहा कि वे एनआईए के सामने कतई नहीं जाएंगे। बलदेव सिंह सिरसा के बाद दो अन्य किसानों को एनआईए का नोटिस मिला था। एनआईए के नोटिस में इन लोगों पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने और प्रतिबंधित संगठनों से धन लेने का शक है। यही कारण है कि इस मामले में जांच की जा रही है।