झज्जर, 6 दिसंबर (हप्र)
किसान आंदोलन के 11वें दिन भी आंदोलन कर रहे किसानों में पूरा जोश नजर आया। किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश तो जाहिर किया तो वहीं मंगलवार को भारत बंद के आह्वान को पूरी तरह सफल बनाने पर भी रणनीति बनाई। किसान नेताओं ने कहा कि भारत बंद को सफल बनाने के लिए वालंटियरों को तैयार किया जा चुका है। उन्होनें कहा कि केंद्र सरकार भले ही कितनी बार बातचीत के दौर चला ले लेकिन किसान तीनों काले कानूनों को रद्द करवाकर ही दम लेंगे।फिरोजपुर जिले से आए किसान नेता प्रगट सिंह ने कहा कि पूरी तरह से भारत को जाम करेंगे। उन्होनें कहा कि देश की आजादी के बाद यह पहला मौका होगा जब न केवल भारत के शहर बल्कि एक-एक गांव भी पूरी तरह जाम नजर आएगा। उन्होनें कहा कि केंद्र सरकार के पास और कोई विकल्प नहीं है। प्रजातंत्र प्रणाली में जनता सर्वोपरि है और ऐसे में आज नहीं तो कल सरकार को आंदोलनकारी अन्नदाता के समक्ष झुकना ही पड़ेेगा।उधर, आंदोलनरत किसानों के समर्थन मेंं उतरी हरियाणा की खाप पंचायतों व अन्य संगठनों ने भी आठ दिसम्बर के भारत बंद को सफल बनाने के लिए गांव-गांव शहर-शहर संदेश पहुंचाना शुरु कर दिया है। जिला अध्यक्ष करतार सिंह अच्छेज ने बताया कि यह केवल किसानों का संघर्ष नहीं है बल्कि देश के तमाम शोषित पीड़ित आम जनता का संघर्ष है।
श्रमिकों ने की भूख हड़ताल
गुरुग्राम (हप्र) : कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे धरने को साइबर सिटी गुरुग्राम की ओर से भी समर्थन मिला है। बड़ी संख्या में किसानों-मजदूरों ने मिनी सचिवालय पर दिनभर सांकेतिक भूख हड़ताल कर किसानों के आंदोलन का समर्थन किया। धरने की अध्यक्षता राजेश ठाकरान ने की। नेता कुलदीप जांघू ने कहा कि सरकार ने 3 कृषि कानूनों के जरिये अपनी मर्जी किसानों पर जबरदस्ती थोपने का प्रयास किया है।
किसानों को भेजा राशन
चरखी दादरी (निस) : किसान, सामाजिक संगठनों ने दिल्ली बार्डर पर आंदोलनरत किसानों के लिए राशन से भरा वाहन को रवाना किया। उन्होंने किसानों के समर्थन में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए रोष जताया।
‘खालिस्तानी बताना शर्म की बात’
हिसार (हप्र) : अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों की मांगें मानने की बजाए सरकार के मंत्री किसानों को खालिस्तानी बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेता विदेशी फंड से आंदोलन चलाने की बात कहकर सारी हदें पार कर रहे हैं।
‘किसानों की अनदेखी भाजपा पर पड़ेगी भारी’
बाढड़ा (निस) : कृषि क्षेत्र में लागू किए गए तीन कानूनों को वापस लेने के लिए पिछले तीन माह से देश के हजारों किसानों को मजबूरन आंदोलन करना पड़ रहा है। पूर्व सीपीएस रणसिंह मान ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि किसानों की अनदेखी भाजपा पर भारी पड़ेगी। देश का किसान जाग चुका है और अब खलिहान से संसद तक किसानों के हितों के लिए संघर्श चल रहा है जो देश में बड़े परिवर्तन के संकेत हैं।
‘गठबंधन सरकार पर नहीं कोई संकट’
चरखी दादरी (निस) : भाजपा नेता एवं महिला विकास निगम की चेयरमैन बबीता फौगाट ने कृषि कानून का समर्थन किया है। वहीं किसान आंदोलन को विपक्षियों द्वारा भ्रम फैलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के चलते हरियाणा की गठबंधन सरकार पर कोई संकट नहीं है। जो नेता इस्तीफा दे रहे हैं वे दोगली राजनीति कर रहे हैं।
ग्रामीण किसानों को खिला रहे खाना

जुलाना/जींद (हप्र) : राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 352 पर स्थित पौली गांव में किसानों के लिए ग्रामीणों द्वारा लगाया गया भंडारा रविवार को लगातार दसवें दिन भी जारी रहा। ग्रामीणों ने पंजाब से आ रहे किसानों के लिए भंडारे का आयोजन किया है। जिसमें लगभग चार से पांच हजार किसान लंगर लेते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पंजाब से किसान दिल्ली की ओर जाते रहेंगे और जब तक किसानों का धरना जारी रहेगा।