जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 8 नवंबर
एक ओर ए ग्रेड धान का सीजन लगभग समाप्ति पर है तो वहीं दूसरी ओर किसान फिलहाल बासमती धान को मंडियों में लाने से परहेज कर रहे हैं। इसी बीच राइस मिलर्स एसोसिएशन ने ब्राेकन की मात्रा ज्यादा निकलने और कस कम निकलने को लेकर सरकार से राहत की गुहार लगाते हुए सीएम, एसीएस, डायरेक्टर फूड, अम्बाला के उपायुक्त सहित सभी जिला अधिकारियों का धान का सीजन ठीक ढंग से निपटने के लिए आभार जताया है।
एक ओर आढ़ती और किसानों में ग्रेड ए धान का भुगतान नहीं मिलने से काफी रोष है तो वहीं बासमती उत्पादक अपना धान अभी मंडियों में लाने से बच रहे हैं। शहर मंडी में आई 1121 किस्म के धान की ढेरी 2711 रुपये के हिसाब से बिकी, जबकि गत वर्ष यह 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा भाव में बिका था। फिलहाल बासमती 30 किस्म मंडी में नहीं आई है। किसान बासमती के भाव कुछ बढ़ने की प्रतीक्षा में हैं। अम्बाला में नग्गल बेल्ट के गांवों सहित करीब 5 दर्जन गांवों में बासमती उगाई जाती है। बासमती धान के कारोबारी अनुज गर्ग तथा राजेंद्र बंसल के अनुसार आगामी सप्ताह मंडी बासमती की भीनी खुशबू से सराबोर होने की उम्मीद है। इसी बीच राइस मिलर्स एसोसिएशन की एक बैठक प्रधान संजीव गर्ग की अध्यक्षता में हुई। इसमें इस बात पर चिंता जताई गयी कि इस बार धान में ब्रोकन की मात्रा 35 से 40 प्रतिशत निकल रही है, जबकि सरकार मात्र 25 प्रतिशत लेती है। इसी प्रकार मिलिंग में कस 62 से 63 किलोग्राम प्रति क्विंटल निकल रहा है जो सरकार 67 किलो लेती है। बैठक में एक प्रस्ताव पारित करके सीएम, एसीएस, डायरेक्टर फूड, अम्बाला के उपायुक्त सहित सभी जिला अधिकारियों का धान का सीजन ठीक ढंग से निपटाने के लिए आभार जताया है और राहत देने की मांग की है।
अब तक 647430 मी. टन की खरीद
जिला में 7 नवंबर तक अम्बाला की सभी 14 अनाज मंडियों व खरीद केंद्रों पर 647430 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। इस अवधि में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 218692 एमटी, हैफेड ने 413658 एमटी तथा हरियाणा भंडारण निगम ने 15080 एमटी धान की खरीद की है। शहर की अनाज मंडी सबसे आगे रही, जहां 190493 मीट्रिक टन धान एजेंसियों ने खरीद किया।