ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 5 फरवरी
हरियाणा के खिलाड़ियों ने एक बार फिर कमाल किया है। मध्य प्रदेश में चल रहे ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ में भी शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए हरियाणा अब तक 22 गोल्ड, 15 सिल्वर, 12 ब्रॉन्ज मैडल के साथ पहले पायदान पर बरकरार है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि खिलाड़ियों ने एक बार फिर साबित किया है कि हरियाणा देश में खेलों का सुपर पावर है। उन्होंने कहा, ‘प्रतियोगिताओं के परिणाम से स्पष्ट है कि हरियाणा में खेल प्रतिभाओं की भरमार है। इसलिए हम लगातार गांव-गांव खेल को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। हम आगे भी हर खिलाड़ी को सब खेल सुविधाएं प्रदान करेंगे और हरियाणा को खेलों की नर्सरी बनाएंगे।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा की मजबूत खेल नीति से ही यूथ गेम्स में एक के बाद एक गोल्ड मेडल आ रहे हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी को एक लाख, रजत मैडल विजेता को 60 हजार और कांस्य पदक लाने वाले खिलाड़ी को 40 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। प्रतिभागी खिलाड़ी को प्रोत्साहन के रूप में पांच हजार रुपये दिये जाते हैं। 5वें खेलो इंडिया यूथ गेम्स मध्य प्रदेश में 11 फरवरी तक चलेंगे।
ऐसा रहा प्रदर्शन
27 खेलों में देश के लगभग 6 हजार खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। हरियाणा ने बॉक्सिंग में 8 स्वर्ण समेत 15 पदक व एथलेटिक्स में 4 गोल्ड, 4 सिल्वर, 4 ब्रॉन्ज मैडल जीते हैं जबकि निशानेबाजी में दो गोल्ड, 3 सिल्वर, 2 कांस्य व साइकिलिंग में 3 गोल्ड, एक सिल्वर जीता है। बैंडमिंटन में दो गोल्ड, वॉलीबाल में एक गोल्ड, आर्चरी में दो स्वर्ण पदक अब तक हासिल किए हैं।
भारत की युवा पीढ़ी के लिये कुछ भी असंभव नहीं : मोदी
जयपुर (एजेंसी) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘मैं जानता हूं युवा भारत की युवा पीढ़ी के लिये कुछ भी असंभव नहीं है। युवाओं को जब सामर्थ्य, स्वाभिमान, स्वावलंबन, सुविधा और संसाधन की शक्ति मिलती है तो हर लक्ष्य आसान हो जाता है।’ मोदी रविवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘जयपुर महाखेल’ के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। जयपुर ग्रामीण से लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ द्वारा ‘जयपुर महाखेल’ (मेगा स्पोर्ट) का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम युवाओं को खेलों में अपना करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। पहले प्रतिभा होती थी.. लेकिन संसाधनों की कमी आड़े आ जाती थी।’