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पूर्व अग्निवीरों को भर्ती में आयु सीमा में मिलेगी छूट

राज्य के स्थायी निवासियों को ग्रुप-‘बी’ और ‘सी’ पदों पर तीन वर्ष की छूट

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मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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हरियाणा सरकार ने पूर्व अग्निवीरों के हित में एक अहम फैसला लिया है। अब राज्य के स्थायी निवासी पूर्व अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती के दौरान आयु सीमा में छूट मिलेगी। इस निर्णय का उद्देश्य उन युवाओं को प्रोत्साहित करना है, जिन्होंने देश की सेवा ‘अग्निपथ योजना’ के तहत की और अब नागरिक जीवन में नए अवसर तलाश रहे हैं।

हरियाणा सरकार का यह कदम उन अग्निवीरों के लिए राहत की खबर है जिन्होंने देश की सुरक्षा में अपना युवापन समर्पित किया। अब वे राज्य की प्रशासनिक और सामाजिक व्यवस्था में भी अपनी भूमिका निभा सकेंगे। सरकार का यह फैसला देश सेवा से राज्य सेवा तक की भावना को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी पत्र के अनुसार, हरियाणा सरकार ने तय किया है कि राज्य के सभी ग्रुप-‘बी’ और ग्रुप-‘सी’ पदों पर सीधी भर्ती के समय पूर्व अग्निवीरों को तीन वर्ष की आयु सीमा छूट दी जाएगी। साथ ही, पहले बैच के पूर्व अग्निवीरों को अतिरिक्त पांच वर्ष की छूट का लाभ मिलेगा। इस निर्णय से न केवल उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने का बेहतर अवसर मिलेगा, बल्कि उनकी सेवा भावना और अनुशासन का लाभ राज्य प्रशासन को भी प्राप्त होगा।

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मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने अपने पत्र में सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों और क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वे इन आदेशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करें। सरकार का स्पष्ट कहना है कि यह छूट पूर्व अग्निवीरों के सम्मान और पुनर्वास से जुड़ा कदम है, ताकि वे अपनी योग्यता और अनुभव के आधार पर सरकारी सेवाओं में योगदान दे सकें।

पूर्व अग्निवीरों के लिए रोजगार का नया अवसर

राज्य सरकार का यह फैसला युवाओं में नई उम्मीद जगाने वाला माना जा रहा है। अग्निवीर योजना के तहत देशभर में हजारों युवाओं ने सेना में चार वर्ष की सेवा पूरी की है, जिसके बाद उन्हें पुनः रोजगार की तलाश रहती है। हरियाणा, जो देश में सबसे अधिक सैनिक देने वाले राज्यों में से एक है, अब इन युवाओं के लिए 'सेवा से सम्मान तक' की पहल कर रहा है।

रोजगार नीति में होगा सकारात्मक बदलाव

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह निर्णय हरियाणा सरकार की रोजगार नीति में एक सकारात्मक और व्यावहारिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। इससे न केवल पूर्व सैनिकों को नागरिक क्षेत्र में जगह मिलेगी बल्कि सरकारी संस्थानों को भी अनुशासित, प्रशिक्षित और देशसेवा का अनुभव रखने वाले युवा कर्मचारी मिल सकेंगे।

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