कुरुक्षेत्र, 16 जनवरी (हप्र)
हरियाणा कला परिषद द्वारा आयोजित साप्तािहक संध्या में कराये पश्चिम बंगाल के पारंपरिक गौड़िया नृत्य ने सबका मन मोह लिया। विश्व विख्यात नृत्यांगना डाॅ. महुआ मुखर्जी और साथी कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। परिषद के निदेशक संजय भसीन ने कहा कि सभी नृत्यों का मूल शास्त्रीय नृत्य हैं। नृत्य साधना में कलाकार अपनी प्रतिभा में निखार लाते हुए जहां एक ओर भारतीय संस्कृति को जन जन तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं वहीं देश को सांस्कृतिक दृष्टि से भी समृद्ध बना रहे हैं। डाॅ. महुआ मुखर्जी गौड़िया नृत्य को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में कामयाब रही हैं। डाॅ. महुआ मुखर्जी के अनुसार गौड़िया नृत्य उस समय से प्रचलित है, जब बंगाल को गौड़िय के नाम से जाना जाता था। गौड़िया नृत्य की पहचान को कायम रखने के लिए डा. मुखर्जी द्वारा भारत में असंख्य जगहों पर इस नृत्य की प्रस्तुति के साथ साथ एंथेस, अमेरिका, ओकलाहोमा, मैमफिश, सिंगापुर, बांग्लादेश सहित दुनिया के कई देशों में अपनी नृत्य प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं।