अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 30 अगस्त
यहां मरने के बाद भी लोगों को अपनों का कंधा नहीं मिल पाता। श्मशानघाट तक पहुंचने के लिए मृतकों के परिजनों को जंग लड़नी पड़ती है। श्मशान तक जाने वाले पूरे रास्ते में पानी ही पानी नजर आता है।
पैदल तो छोड़ों यहां वाहन में जाने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। रास्ता इतना खराब है कि कई बार वाहन से शव नीचे भी गिर जाते हैं। हम बात कर रहे हैं प्रेम नगर गांव में स्थित श्मशानघाट की। यहां की हालत बद से बदतर हो गई है। हर कोई चाहता है कि उसकी औलाद बुढ़ापे में उसका सहारा बने और उसके अंतिम संस्कार में बच्चे और चाहने वाले कंधा दें, लेकिन यहां लोग चाह कर भी अपनी की मौत पर उन्हे कंधा नहीं दे पा रहे। लोगों की माने तो यहां अकसर शव गिरने या अंतिम संस्कार में जाने वाले लोगों को गिरने व चोट लगने का डर बना रहता है। अंतिम संस्कार के लिए यहां लोगों को ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ता है। रास्ते में दलदल ज्यादा होने के कारण ट्रैक्टर इसमें धंस जाते हैं और दुर्घटना का डर बना रहता है। पूर्व सरपंच संदीप कुमार ने बताया कि श्मशानघाट के रास्ते में जलभराव के चलते लोग शव को कंधा तक नहीं दे पाते।
शायद अनुसूचित जाति के श्मशानघाट होने के चलते सरपंच, विधायक या डीसी तक समाधान करने में कामयाब नहीं हो सके। वहीं मृतक हवा सिंह के भतीजे दर्शन सिंह व चचेरे भाई जगपाल ने बताया कि किसी की मौत होने पर शव को श्मशानघाट तक ले जाने के लिए ट्रैक्टर किराये पर लाना पड़ता है। जब तक ट्रैक्टर नहीं मिलता, तब तक शव को घर पर ही रखना पड़ता है।
हमारी भी सुन लो सरकार
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार कहां हैं। विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन उनकी आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रशासन और विधायक ने आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों की मांग है कि जल्द ही श्मशानघाट को जाने वाले रास्ते को पक्का किया जाए ताकि लोग अपनों के अंतिम संस्कार में उनको कंधा दे सकें। ग्रामीणों का कहना है कि वह प्रशासन से लेकर विधायक तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
जल्द बनवाएंगे रास्ता : वाल्मीकि
बवानीखेड़ा से भाजपा विधायक बिशंबर वाल्मीकि ने कहा कि प्रेम नगर में अनुसूचित जाति के श्मशानघाट के रास्ते को जल्द ही बनवाया जाएगा। पहले इस बारे उन्हें पता नहीं था। मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों की समस्या को दूर करेंगे।