चंडीगढ़, 17 मई (ट्रिन्यू)
कोरोना से राज्य में सवास्थ्य सिस्टम पर दबाव काफी बढ़ा हुआ है। बड़ी संख्या में डॉक्टरों, नर्स एवं पैरा-मेडिकल स्टाफ के पॉजिटिव होने से समस्या और गहरा गई है। ऐसे में अब सरकार ने नॉन-हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी भी कोरोना से निपटने में लगा दी है। शिक्षा, पंचायतीराज तथा पशुपालन सहित कई विभागों के 30 हजार से अधिक कर्मचारियों को ट्रेनिंग देकर फील्ड में उतारा जा चुका है।
अब शहरी स्थानीय निकाय विभाग के उन कर्मचारियों की लिस्ट भी मांगी है, जिनके पास लॉकडाउन और कोरोना काल की वजह से फिलहाल कोई काम नहीं है। हालांकि, निकाय विभाग के सफाई कर्मचारियों, फायरमैन, ड्राइवर सहित कई कैटेगरी के कर्मियों को पहले से ही फ्रंटलाइन वर्कर्स में रखा गया है। सरकार ने अन्य विभागों से भी अतिरिक्त कर्मियों की जानकारी मांगी है। पहले चरण में करीब 30 हजार नॉन हेल्थ विभागीय कर्मचारियों को ट्रेनिंग देकर गांवों में उतार दिया है।
हरियाणा में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से बढ़ रही है। सरकार को आशंका है कि कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है। ऐसे में सबसे ज्यादा मुश्किल ग्रामीण क्षेत्रों में आ रही है, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं का ढांचा अधिक मजबूत नहीं है।
स्टेट इंस्टीट्यूट हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के माध्यम से पिछले एक सप्ताह के दौरान शिक्षा विभाग के साढ़े 7 हजार, पंचायतीराज विभाग के 15 हजार तथा पशुपालन विभाग के 7 हजार चिकित्सकों व हेल्परों तथा तीन हजार के करीब आंगनवाड़ी वर्करों को हेल्थ ट्रेनिंग दी जा चुकी है। आने वाले दिनों में अन्य विभागों से भी ऐसे कर्मचारियों को लिया जाएगा, जिनकी वर्तमान में कम जरूरत है। इन सभी कर्मचारियों को ट्रेनिंग देकर स्वास्थ्य विभाग की मदद के लिए तैनात किया जा रहा है। गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर गांवों तक पहुंच गई है।
एजुसेट के माध्यम से बच्चे होंगे ट्रेंड
बच्चों में कोरोना संक्रमण न फैले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम सोमवार से शुरू हो चुका है। स्वास्थ्य विभाग ने एक लिंक एजुसेट के माध्यम से जारी किया है। इसे स्कूली विद्यार्थियों तथा अध्यापकों को दिखाया जाएगा। एजुसेट के माध्यम से बच्चों तथा अध्यापकों को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें प्राथमिक उपचार देने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
वीडियो भेजकर दी जा रही ट्रेनिंग
नॉन हेल्थ विभागों के कर्मचारियों को होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को प्राथमिक उपचार देने की विधि बताई जा रही है। बीपी की जांच करना, तापमान देखना, स्टीम देने, ऑक्सीजन मापना, ऑक्सीजन पंप लगाने के बारे में बताया जाता है। कोरोना संदिग्ध रोगी के साथ व्यवहार के बारे में सिखाया जा रहा है। इसके दो-दो मिनट के वीडियो मोबाइल पर भेजे जा रहे हैं। जिससे वह घर बैठे ही प्रैक्टिस कर सकते हैं।
”स्वास्थ्य विभाग कोरोना से निपटने के लिएतैयार है। अन्य विभागों के करीब 30 हजार कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर फील्ड में उतारा जा चुका है। एजुसेट के माध्यम से बच्चों को भी जागरूक किया जाएगा। महामारी से निपटने के लिए ग्रामीणों का भी सहयोग लिया जा रहा है।” -उषा गुप्ता, निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा