दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 21 जनवरी
हरियाणा भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े ने अपने चंडीगढ़ प्रवास में पार्टी विधायकों व वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर जहां संगठन को समझा वहीं सरकार की भी खबर ली। बृहस्पतिवार को दौरे के अंतिम दिन उन्होंने पार्टी के जिलाध्यक्षों के साथ बिताया। उन्होंने विधायकों की तरह ही जिलाध्यक्षों को भी खुलकर हर बात कहने की छूट दी।
राज्य में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को बने एक साल से अधिक का वक्त हो चुका है। पार्टी हाईकमान के निर्देश पर तावड़े हरियाणा सरकार के अब तक के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड बनाने चंडीगढ़ पहुंचे थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ उन्होंने डिनर किया, लेकिन विधायकों के साथ वन-टू-वन वार्ता में किसी तरह का दखल नहीं होने दिया।
किसान आंदोलन की वजह से राज्य में राजनीतिक हालात काफी बदले हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि 26 जनवरी के बाद खट्टर कैबिनेट में बदलाव व विस्तार होने की उम्मीद है। हालांकि यह सब इस पर निर्भर करेगा कि दिल्ली बाॅर्डर पर किसान आंदोलन क्या रूख लेता है। किसानों का आंदोलन अगर जल्द निपट जाता है तो कैबिनेट में होने वाली उठापठक में भी अब देरी नहीं होगी। आंदोलन लंबा चला तो यह प्रक्रिया भी टल सकती है। सूत्रों का कहना है कि विधायकों के साथ हुई बातचीत के दौरान तावड़े ने न केवल सरकार व संगठन की कार्यप्रणाली को समझा बल्कि सभी मंत्रियों के कामकाज को लेकर भी फीडबैक लिया। इसी तरह से जिलाध्यक्षों को संगठन मजबूती के निर्देश तो दिए लेकिन उनसे भी मंत्रियों व स्थानीय विधायकों के रवैये के बारे में जानकारी जुटाई।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी पदाधिकारियों व विधायकों की नब्ज टटोलने के बाद उनके द्वारा बनाए गए रिपोर्ट कार्ड के आधार पर हाईकमान कैबिनेट में बदलाव को लेकर निर्णय लेगा। तावड़े अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को देंगे। इस बारे में पीएम नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह तक भी विस्तृत रिपोर्ट जाएगी। पिछले दिनों सीएम खट्टर के अलावा डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला की पीएम नरेंद्र मोदी व अमित शाह से मुलाकात को भी अब इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
विधायकों की तरह ही कई जिलों के प्रधान ने भी स्थानीय स्तर पर अधिकारियों द्वारा सुनवाई नहीं करने का मुद्दा प्रदेश प्रभारी के सामने उठाया। शुरुआत के दो दिन तावड़े ने विधायकों के साथ चार से पांच के ग्रुप में चर्चा की। कुछ विधायकों के साथ वे अलग से भी मिले। बुधवार रात को उन्होंने सीएम के साथ भोजन किया। इसके बाद बृहस्पतिवार को वे जिलाध्यक्षों से मुखातिब हुए। यहां भी एक ग्रुप में चार से पांच जिलों के अध्यक्षों ने अपनी बात रखी।