चरखी दादरी, 29 अक्तूबर (निस)
कपास की एमएसपी रेट पर खरीद के दौरान खरीद एजेंसी द्वारा वजन में कटौती करते हुए करीब 47 लाख रुपए का गबन किया गया है। इसका खुलासा किसानों द्वारा मिलों के कांटों पर वजन करने की शिकायत पर हुआ है। मार्केट कमेटी के अधिकृत कांटों की बजाए बाहर से वजन कराने व नमी के नाम पर कटौती की जा रही थी। ऐसे में मार्केट कमेटी अधिकारियों ने खरीद एजेंसी मैनेजर पर केस दर्ज करने व सीआईए द्वारा जांच करवाने बारे एसपी को लेटर लिखा है। जिले में 10 अक्तूबर से कपास की एमएसपी रेट पर खरीद शुरू की गई थी। जो कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) द्वारा की जा रही है। खरीद के दौरान कपास की वजन करने के लिए मार्केट कमेटी द्वारा मंडी में स्थित कांटों को ही अधिकृत किया गया था। बावजूद इसके खरीद एजेंसी अधिकारियों द्वारा कपास का वजन मिल मालिकों से मिलकर बाहर मिलों में करवाया गया। जहां वजन के दौरान किसानों से प्रति क्विंटल 2 किलो की कटौती की गयी। किसानों की शिकायतों के आधार पर मार्केट कमेटी सचिव द्वारा खरीद एजेंसी मैनेजर को नोटिस जारी किया गया। बावजूद इसके कोई जवाब नहीं मिला तो मामले की जांच के बाद खुलासा हुआ।
जिले में अब तक 41106 क्विंटल कपास की एमएसपी रेट पर खरीद की गई है। इस मात्रा की कटौती का वजन 622 क्विंटल बनता है। सरकारी रेट 5725 के हिसाब से कुल 47 लाख 5 हजार 905 रुपए की धोखाधड़ी बनती है।
एसपी को लिखा लेटर, करेंगे कार्रवाई
मार्केट कमेटी के जिला कार्यकारी अधिकारी श्यामसुंदर ने बताया कि मैनेजर ने धोखाधड़ी करते हुए 47 लाख का नुकसान सरकार व किसानों को पहुंचाया है। इस मामले में कार्रवाई करने के लिए एसपी को लेटर लिखा है। साथ ही मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
कृषि मंत्री का फूंका पुतला
बृहस्पतिवार को भाकियू के जिलाध्यक्ष रणबीर मानकावास की अगुवाई में कपास की खरीद के दौरान कटौती व अन्य समस्याओं को लेकर किसानों ने भाकियू की अगुवाई में कृषि मंत्री जेपी दलाल का पुतला फूंका। इस दौरान उन्होंने मंडी अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए और किसानों के साथ छलावा करने की बात कही। साथ ही अल्टीमेटम दिया कि अगर सरकार ने किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो किसान संगठन अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे।
तोशाम के पूर्व विधायक ने सुनी किसानों की समस्याएं
भिवानी (हप्र) : पूर्व विधायक शशिरंजन परमार ने भेरा मंडी व तोशाम अनाज मंडियों का दौरा किया। उन्होंने मंडी में आए किसानों की समस्याएं भी सुनीं और मौके पर ही अधिकारियों से बात करके उनकी समस्याओं का समाधान भी किया। उन्होंने कहा कि किसान की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। इस अवसर पर उनके साथ कैरू मंडल के अध्यक्ष प्रदीप तंवर लेघां, सतपाल सिहाग, सुनील भाटी मिरान, धर्मेंद्र भेरा, शिवकुमार भेरा और भेरा व जैनावास के किसान भी मौजूद थे।
नहीं पहुंच रहा खरीद का मैसेज
नूंह/मेवात (निस): जिला की मंडियों में बाजरे की बिक्री करने आ रहे किसानों की संख्या तो पिछले एक सप्ताह से बढ़ा दी गयी हैं और इसके बावजूद यहां पूरे किसान नहीं पहुंच रहे हैं। जबकि मेरी फसल-मेरा ब्योरा के पंजीकृत किसानों को मैसेज न मिलने से वह 1 अक्तूबर से इसके इंतजार में बैठे हैं। किसानों का आरोप है कि ऊपर बैठे अधिकारी बाजरे की बिक्री में दबाव से काम कर रहे हैं जबकि स्थानीय रोस्टर प्रणाली से किसान खुश थे। वेदप्रकाश, ओमप्रकाश, शशि, रामकिशन, प्रेमलाल, लखपत, महेश, सुरेन्द्र, पीसी गौड हसनपुर आदि किसानों ने बताया कि उन्होंने मेरी फसल-मेरा ब्योरो के तहत बाजरे की बिक्री के लिए पंजीकरण कराया हुआ था लेकिन अभी तक उनके पास बिक्री का मैसेज नहीं पहुंच सका हैं। इस बारे में मंडी प्रशासन के कार्यरत डीएमईओ के निजी सचिव पंडित राजेश शर्मा ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से किसानों की संख्या बढ़ाकर 150 तक की गयी है, इसके बावजूद मंडियों में रोजाना करीब 130 किसान ही पहुंच रहे हैं।
किसान धान के साथ पराली बेचकर भी ले रहे मुनाफा
झज्जर, 29 अक्तूबर (हप्र)
आमतौर पर धान की पराली को कबाड़ जलाकर नष्ट करने वाला किसान अब काफी जागरूक हो चुका है। किसान अब आम के ‘आम और कुठलियों के दाम’ कहावत को चरितार्थ कर रहा है। किसान को धान की फसल का भाव भले ही मनमाफिक न मिल रहा हो मगर धान की पराली से इस बार अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। अब किसान पराली को खेतों में जलाने की बजाय व्यापारियों को बेच रहे हैं। पराली ही नहीं, व्यापारी कंबाइन से कटे अवशेष भी खरीद रहे हैं, जो कभी उनके लिए कबाड़ के अलावा कुछ नहीं होता था।
हरियाणा के धान की पराली अब दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में भी बिक रही है। किसान खेत से फसल बाद में मंडी में पहुंचाता है, उससे पहले उसकी पराली बिक जाती है। चावल धान की तरफ पराली का व्यापार भी लाखों में हो रहा है। राजस्थान के व्यापारी पराली को एकत्रित कर रहे हैं और बाद में उसकी कुटाई करके गाड़ियों में लोड कर अच्छे मुनाफे के लिए दिल्ली, गुजरात राजस्थान में बेच रहे हैं।