रोहतक, 2 मार्च (हप्र)
महम के नजदीक किशनगढ़ गांव में मंगलवार को बिजली चोरी पकड़ने गई निगम की टीम का ग्रामीणों ने जोरदार ढंग से विरोध किया। लोगों के गुस्से को देखते हुय निगम की टीम चुपचाप वहां से चली गई।
महम बिजली निगम की टीम ने गांव के एक घर में कुंडी लगाकर की जा रही चोरी पकड़ ली। कुछ समय बाद टीम चेकिंग के लिए नजदीक लगते दूसरे घर में चोरी से प्रयोग की जा रही बिजली की केबल उतारने पहुंची तो मकान मालिक व पड़ोस के लोगों ने कर्मचारियों का जोरदार विरोध करना शुरू कर दिया। 12 से अधिक युवक हाथों में लाठी डंडे व ईंट लेकर खड़े हो गए। मामला बढ़ा तो अनहोनी को भांपते हुए टीम बगैर केबल उतारे सरकारी गाड़ी में बैठ कर उल्टे पांव लौट गए।
महम बिजली निगम में कार्यरत जेई विशाल ने बताया कि गांव वालों के विरोध के चलते चेकिंग करने गई टीम वापस लौट आई। उस समय उनके पास कोई पुलिस कर्मी नहीं था। ऐसे में वे ग्रामीणों का सामना नहीं कर सकते थे।
एसडीओ सुरेश हुड्डा व सीए राजेश का कहना है कि सोमवार रात को छापेमारी में 8 लोग सीधे तार डालकर चोरी कर रहे थे जिन पर 1 लाख 72 हजार रूपए जुर्माना लगाया गया है।
मदीना टोल प्लाजा का काटा कनेक्शन
बिजली का बिल न भरने पर मंगलवार को मदीना टोल प्लाजा का कनेक्शन काट दिया गया। निगम के एसडीओ सुरेश हुड्डा ने बताया कि टोल की तरफ 2 लाख 21 हजार रुपये का बिल बकाया थे। पब्लिक हेल्थ की तरफ 2 करोड़ 82 लाख तथा सिंचाई विभाग की तरफ 7 करोड़ 14 लाख रुपए निगम के बकाया हैं। इसके अलावा महम एसडीएम कार्यालय का 2 लाख 95 हजार रूपए का बिल पैंडिंग पड़ा हुआ है। एसडीओ का कहना है कि 5 हजार रुपये से अधिक बकायदारों ने यदि एक सप्ताह के अंदर अपने बिल जमा नहीं कराए तो सरकारी कार्यालयों के कनेक्शन काटने का सिलसिला शुरू कर दिया जाएगा।
बंजर भूमि पर बनाएं डंपिंग स्टेशन : कुलदीप
हिसार, 2 मार्च (हप्र)
कांग्रेस केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य एवं आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने सरकार द्वारा ढंढूर में प्रस्तावित डंपिंग स्टेशन को स्थानांतरित करने की मांग करते हुए कहा कि कृषि योग्य एवं कमर्शियल जमीन पर डंपिंग स्टेशन लगाने की बजाय किसी बंजर भूमि पर इसको स्थापित किया जाए। वे आज आदमपुर, नलवा, हिसार लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने के दौरान लोगों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आसपास के हजारों ग्रामीणों को यहां भीषण दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है, जिससे यहां पर महामारी फैलने का खतरा है। स्थानीय लोगों ने कई बार सरकार को चेताने का काम किया, परंतु उनकी मांगें नहीं सुनी जा रही।