चंडीगढ़, 4 जनवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा की बिजली कंपनियों की याचिकाओं पर फैसला करने से पहले राज्य बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) ने पब्लिक हियरिंग करवाने का फैसला लिया है। बिजली कंपनियों द्वारा एएआर (एनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट) के लिए आयोग का दरवाजा खटखटाया गया है। सेंट्रल इलेिक्ट्रसिटी एक्ट-2003 के तहत बिना आयोग की मंजूरी के बिजली निगमों की वार्षिक राजस्व जरूरत तय नहीं हो सकती।
आयोग की ओर से बिजली उत्पादन, प्रसारण व वितरण को लेकर सालाना बजट तय किया जाता है। हरियाणा बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम तथा दक्षिण व उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगमों द्वारा अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं। दक्षिण व उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम ने प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर भी आयोग में दस्तक दी हुई है। निगमों की स्मार्ट मीटर योजना पर आयोग पिछली डेट में बड़े सवाल खड़े कर चुका है।
इतना ही नहीं, आयोग ने दोनों निगमों को नोटिस जारी करके स्मार्ट मीटर लगाने में हुई देरी पर कड़ी फटकार भी लगाई है। 31 मार्च, 2021 तक 10 लाख स्मार्ट मीटर लगने थे, लेकिन अभी तक महज ढाई लाख के करीब ही मीटर लग पाए हैं। निगमों की ओर से कोरोना महामारी का हवाला देते हुए कहा कि कोविड-19 की वजह से इस काम में देरी हुई। अब जून के आखिर तक इसे पूरा करने का टारगेट रखा हुआ है। माना जा रहा है कि अब होने वाली सुनवाई में आयोग स्मार्ट मीटर पर भी स्टेटस रिपोर्ट तलब करेगा।