सुरेंद्र सिंह सांगवान/ट्रिन्यू
पंचकूला, 6 दिसंबर
चुनाव तिथि का ऐलान होने के बाद यहां मेयर के साथ-साथ सभी 20 वार्डों में पार्षद पद के लिये सरगर्मियां शुरू हो गई हैं। भाजपा और कांग्रेस इस बार पार्टी निशान पर चुनाव लड़ रही हैं। आम आदमी पार्टी ने पार्टी निशान पर चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है। जजपा ने अभी इस बारे में पत्ते नहीं खोले हैं।
नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया हालांकि 11 दिसंबर से शुरू होगी और 16 दिसंबर तक इसके लिये अंतिम तिथि है। यहां पहली बार मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होगा। मेयर पद की टिकट के लिये भाजपा और कांग्रेस में काफी कशमकश चल रही है।
मेयर टिकट के दावेदारों में भाजपा में वरिष्ठ नेता कुलभूषण गोयल, पूर्व जिला अध्यक्ष विशाल सेठ, दीपक शर्मा, जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन उमेश सूद तो कांग्रेस में प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सुधा भारद्वाज, प्रवक्ता रंजीता मेहत्ता, पूर्व मेयर आहलुवालिया, नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन रविंद्र रावल का नाम चर्चा में है।
उम्मीदवारों के नाम तय करने से पूर्व मांगे आवेदन
भाजपा के बाद अब कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों का नाम तय करने से पूर्व आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। एक वार्ड से दावेदार को आवेदन के साथ 25 लोगों की सदस्यता के फार्म भी जमा करवाने होंगे। रविवार को पंचकूला से अलग-अलग भागों के दावेदारों ने टिकट के लिए आवेदन पार्टी कार्यालय में जमा करवाया। वार्ड नंबर 6 से जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष मुकेश सिरसवाल, वार्ड 7 से उषा रानी, वार्ड नंबर 8 से गुलशन अरोड़ा, वार्ड 9 से अंकुश निषाद, वार्ड 10 से रेखा कौशिक, वार्ड 11 से शरणजीत कौर ने आज आवेदन जमा करवाए। अंकुश निषाद समर्थकों के साथ चंडीगढ़ सेक्टर -9 स्थित कार्यालय पर पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने अंकुश निषाद के पक्ष जमकर नारे लगाये, तो सभी का ध्यान कार्यकर्ताओं की ओर आकर्षित हो गया। अंकुश निषाद ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा के नेतृत्व में पंचकूला में मेयर भी बनेगा और सभी 20 वार्डों से पार्षद जीतकर नगर निगम में पहुंचेंगे।
मुकाबला कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी में ही
भाजपा ने चुनाव के लिये पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु काे प्रभारी और यमुनानगर के मेयर मदन चौहान का सहप्रभारी के रूप में नियुक्त किया है। मुकाबला कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी में ही रहने की उम्मीद है। विधानसभा चुनाव में भाजपा के ज्ञानचंद गुप्ता 5633 मतों से विजयी हुए थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस रही थी। भाजपा का पूरा प्रयास रहेगा कि विकास के मुद्दों पर मेयर पद पर भी कमल खिले जबकि कांग्रेस सरकार की जनविरोधी नीतियों को मुद्दा बनाते हुए मेयर पद हासिल करने के लिये एड़ी-चोटी का जोर लगायेगी।