चरखी दादरी, 30 मार्च (निस)
यहां के कस्बा बाढड़ा निवासी आईएएस अधिकारी विवेक आर्य के दादा-दादी ने बुधवार रात घर पर जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली। दंपति ने जहर निगलने के बाद खुद ही पुलिस को फोन किया। साथ ही सुसाइड नोट भी सौंपा, जिसमें दंपति ने लिखा, ‘मेरे बेटों के पास 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन हमें देने के लिए दो रोटी नहीं हैं।’ पुलिस ने परिवार के चार लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है।
जानकारी के अनुसार मूलरूप से गोपी निवासी जगदीशचंद्र (78) और भागली देवी (77) अपने बेटे विरेंद्र के पास बाढड़ा के शिव कालोनी में रहते थे। विरेंद्र आर्य का बेटा विवेक आर्य 2021 में आईएएस अफसर बना था। इस समय उनकी पोस्टिंग बतौर अंडर ट्रेनी करनाल में है। बुधवार रात विवेक के दादा-दादी ने जहर निगला और पुलिस को फोन कर दिया। इसके बाद ईआरवी 151 मौके पर पहुंची और बाढड़ा थाने से भी पुलिस टीम को बुलाया गया। बुजुर्ग दंपति को पहले बाढड़ा के निजी अस्पताल ले जाया गया फिर हालत बिगड़ने पर उन्हें दादरी सिविल अस्पताल भेजा गया जहां उनकी मौत हो गयी। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा, ‘मेरे बेटों के पास बाढ़ड़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन उन के पास मुझे देने के लिए दो रोटी नहीं हैं। मैं अपने छोटे बेटे के पास रहता था। 6 साल पहले उसकी मौत हो गई। कुछ दिन उसकी पत्नी ने उसे रोटी दी, लेकिन बाद में उसने गलत काम धंधा करना शुरू कर दिया। उन्होंने मुझे पीटकर घर से निकाल दिया। मैं दो साल तक अनाथ आश्रम में रहा। इस दौरान मेरी पत्नी को लकवा आया और हम दूसरे बेटे के पास रहने लगे। वे मुझे बासी खाना देने लगे। दुखी होकर मैंने सल्फास की गोली खा ली।’ इस मामले में डीएसपी हेडक्वार्टर विरेंद्र श्योराण ने बताया कि मृतक जगदीशचंद ने निजी अस्पताल में पुलिस के समक्ष लिखित में पत्र दिया है जिसे सुसाइड नोट भी माना जा सकता है। पुलिस ने इस संबंध में मृतकों के बेटों व पुत्रवधुओं समेत चार लाेगों पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बेटे ने कहा- उम्रजनित बीमारी से थे परेशान
मृतक दंपति के बेटे विरेंद्र ने बताया कि जहर खाने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। उम्र के इस पड़ाव में दोनों बीमारी के चलते परेशान थे, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया है।