गुरुग्राम, 6 मई (निस)
गाँव अभयपुर के सरकारी स्कूल में घटित मारपीट मामला अभी तक भी नहीं सुलझ सका है। विद्यार्थी स्कूल में पढ़ने की बजाय टेंट के नीचे शिक्षा ले रहे हैं। गांववासी बच्चों को स्कूल भेजने का निर्णय शनिवार को करेंगे। वहीं सोया हुआ शिक्षा विभाग शुक्रवार को जाग गया है। अधिकारियों ने गांव में बच्चों से स्कूल में ही शिक्षा लेने को कहा है। किंतु गांववासियों ने फिलहाल उनके आग्रह को निरस्त कर दिया है।
शुक्रवार को शिक्षा विभाग की टीम ने जिला शिक्षा विभाग अधिकारी के आदेश पर गाँव दमदमा पहुँचकर टेंट में पढ़ रहे विद्याथियों व उनके अभिभावकों से मिलकर समस्त जानकारी हासिल की। अभिभावकों से अपने बच्चों को अभयपुर व खेड़ला स्कूल में शिक्षा लेने की बात रखी।
किन्तु गाँववासियों ने उनके विचार को निरस्त कर दिया है। जिसका फैसला शनिवार को होने वाली पँचायत में लिया जाएगा। टीम में खण्ड शिक्षा अधिकारी के अलावा कई स्कूलों के प्रिंसिपल भी मौजूद थे। झगड़ा क्या है गांव दमदमा जो सोहना विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन के रूप में भी जाना जाता है । वहां एक प्राकृतिक झील है। और उसके ऊपर पहाड़ों में पूरे देश के नेताओं न्यायिक अधिकारियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने शामलात देह की जमीन खरीदकर फार्म हाउस बनाए हुए। दमदमा गांव के पास आठवीं से अधिक स्कूल नहीं है। इसीलिए यहां के बच्चे पास के ही गांव अभयपुर के 12वीं कक्षा तक सरकारी स्कूल में पढ़ने जाते है।
लड़का लड़कियों को जमकर लाठी-डंडों से पीटा
कुछ दिन पहले इसी स्कूल में पढ़ने वाले दोनों गांव के कुछ बच्चों के बीच झगड़ा हो गया था और मिलजुल कर उसे सुलझा लिया गया। इसके बाद एक दिन स्कूल में पढ़ाई हो रही थी ।लड़का और लड़कियां एक कक्षा में बैठे हुए थे। क्लास रूम के पीछे वाले वाले गेट से कुछ बच्चे पढ़ाई के दौरान अपना मुंह ढकते हुए अंदर घुसे और लड़का लड़कियों को जमकर लाठी-डंडों से पीटा। दमदमा गांव के सरपंच श्योराज खटाना ने बताया कि शनिवार को गाँव की पँचायत बुलाई गई है। जिसमें बच्चों को स्कूल में भेजने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।