अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 5 अप्रैल
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड इस बार नकल रोकने को लेकर गत वर्षों की तुलना में ज्यादा सख्त दिखाई दे रहा है। इस बार पहले की तरह स्थानीय स्टाफ शहर के स्कूलों में ड्यूटी नहीं दे सकेगा बल्कि शहर व गांव के तमाम स्कूलों में दूसरे स्कूलों के अध्यापकों को ड्यूटी पर लगाया जाएगा। इसके अलावा प्रतिरूपण मामलों में भी इस बार सख्ती की गई है तथा दूसरे की जगह परीक्षा देते पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी वहीं दो की बजाय 3 साल तक परीक्षा देने से वंचित किया जाएगा। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 20 अप्रैल से शुरू होने वाली परीक्षाएं भले ही कोविड-19 के दौरान हो रही हों लेकिन विद्यालय शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं को लेकर किसी भी तरह से नरमी बरतने के मूड में नहीं है, बल्कि नकल रोकने को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्धता बोर्ड प्रशासन द्वारा जताई जा रही है।
बोर्ड अध्यक्ष डा. जगबीर सिंह व सचिव राजीव प्रसाद के मुताबिक इस बार पहले से ज्यादा सख्त नियम बनाए जा रहे हैं। बोर्ड की परीक्षा में दूसरे की जगह परीक्षा देते मिलने पर निश्चित तौर पर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी तथा दोषी को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। वहीं नकल करने में संलिप्त पाए जाने पर इस बार से दो की बजाय 3 साल तक विद्यार्थी को परीक्षा से बाहर किया जा सकेगा।
ये उपाय भी कर रहा बोर्ड
बोर्ड की ओर से नकल रोकने को लेकर तमाम प्रबंध पूरे किए जा रहे हैं। इस बार विद्यार्थियों के एडमिट कार्ड पर भी नकल रोकने से संबंधित स्लोगन अंकित होंगे। ये स्लोगन खुद विद्यार्थियों के द्वारा ही बनाए गए हैं।
बोर्ड द्वारा निबंध व स्लोगन प्रतियोगिता आयोजित करवाई गई थी। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय आने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किए जाने के अलावा प्रथम स्लोगन को विद्यार्थियों के एडमिट कार्ड पर भी अंकित किया जाएगा।
प्रायोगिक परीक्षाएं भी होंगी
इस बार 5 से 15 तारीख तक प्रायोगिक परीक्षाएं भी होंगी जिनके लिए बोर्ड द्वारा ऑब्जर्वर नियुक्त किए जा चुके हैं। हालांकि बोर्ड द्वारा पहले ही 30 फीसदी सिलेबस कम कर दिया गया था, तो भी इस बार एक परीक्षा में 2 पेपर दिए जाएंगे पहले सब्जेक्टिव और उसके बाद 1 घंटे का ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पत्र दिया जाएगा। दोनों को मिलाकर विद्यार्थी पास होंगे।
“परीक्षा में कोताही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो अध्यापक परीक्षा ड्यूटी में कोताही बरतेंगे, सरकारी स्कूलों के ऐसे अध्यापकों को ट्रांसफर ड्राइव में नेगेटिव मार्किंग दी जाएगी तो निजी स्कूलों के अध्यापकों पर जुर्माना भी किया जाएगा।”
-डॉ.जगबीर सिंह, बोर्ड अध्यक्ष