गुरुग्राम, 15 नवंबर (हप्र)
10 साल पहले सिटी बैंक में करीब 400 करोड़ रुपये का घोटाला करने के आरोपी को पुलिस ने फिर से लोगों के साथ ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस बार वह लोगों को अच्छा रिटर्न दिलवाने के नाम पर लोगों से निवेश के बहाने से पैसे ऐंठ रहा था। सिटी बैंक घोटाले के बाद सजा काट रहा आरोपी जमानत पर बाहर आया था लेकिन अवधि समाप्त हो जाने पर वापस जेल नहीं लौटा
वर्ष 2010 में सिटी बैंक में करीब 400 करोड़ रुपये का घोटाला करने वाले पूर्व बैंककर्मी शिवराज पुरी अदालत के आदेश पर जेल की सजा काट रहा था। कुछ समय पहले वह जेल से जमानत पर बाहर आया लेकिन जमानत अवधि पूरी होने पर वह वापस जेल नहीं पहुंचा। बताते हैं कि आरोपी ने जमानत पर जेल से बाहर आते ही फिर से फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया। उसने लोगों को विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट में निवेश करवाकर अच्छे रिटर्न का झांसा दिया। इससे आरोपी ने लोगों के करोड़ों रुपये फिर से ठग लिए। पुलिस को अंदेशा है कि शिवराज पुरी ने शिकायतकर्ताओं के अलावा और भी लोगों को झांसे में लेकर उनके साथ भी ठगी कर रखी है। अदालत ने उसे दो मामलों में भगोड़ा घोषित कर दिया। इसके साथ ही जेल वापस नहीं लौटने पर अदालत ने उसे बेल जंपर भी घोषित कर दिया।
देहरादून में छिपा था अभियुक्त
फर्जीवाड़े की जांच कर रही सिकंदरपुर क्राइम यूनिट की टीम को सूचना मिली थी कि आरोपी देहरादून में छिपकर रह रहा है। इसी सूचना पर काम करते हुए क्राइम यूनिट की टीम देहरादून पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर गुरुग्राम ले आई। प्राथमिक पूछताछ के बाद उसे अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे पुनः न्यायायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस प्रवक्ता सुभाष बोकन के अनुसार आरोपी बहुत ही शातिर, फर्जी व जालसाज प्रवृत्ति का है और करोड़ों की धोखाधड़ी की विभिन्न वारदातों को अंजाम दे चुका है।