चंडीगढ़, 21 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ‘हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग परियोजना’ और ‘स्वामित्व योजना’ के तहत प्रदेश में किए जा रहे ड्रोन फ्लाइंग कार्य को जनवरी 2021 तक पूरा कर लेगी और मार्च, 2021 तक फीचर एक्सट्रेक्शन कार्य को भी अंतिम रूप दे दिया जाएगा। शनिवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में भारत के महासर्वेक्षक लेफ्टिनेंट जनरल गिरीश कुमार और राज्य के सभी जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित ‘हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग परियोजना’ और ‘स्वामित्व योजना’ की समीक्षा बैठक के दौरान दी गई।
मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक रेवेन्यू एस्टेट में निजी, सार्वजनिक, कृषि और निवास क्षेत्र इत्यादि को वर्गीकृत करते हुए उस रेवेन्यू एस्टेट की कुल भूमि का डाटा एकत्र किया जाए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि अतिरिक्त उपायुक्तों को नोडल अधिकारी नियुक्त करें ताकि इस परियोजना से संबंधित कार्यों में तेजी लाई जा सके। सीएम ने निर्देश दिए कि जिन जिलों में अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है, वहां ड्रोन और सर्वेक्षण करने वाली टीमों की संख्या दोगुनी कर कार्य को जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि गुरुग्राम, चरखी दादरी, फरीदाबाद, करनाल, झज्जर, भिवानी और रोहतक में लंबित जमाबंदियों को जल्द से जल्द ऑनलाइन किया जाए। भारत के महासर्वेक्षक लेफ्टिनेंट जनरल गिरीश कुमार ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि परियोजना के लक्ष्यों को सुचारू और त्वरित रूप से क्रियान्वित करने के लिए लाइन मार्किंग के साथ-साथ ड्रोन फ्लाइंग, निरीक्षणों और फीचर एक्सट्रेक्शन के साप्ताहिक लक्ष्य दिए जा रहे हैं। इस अवसर पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव अमित कुमार अग्रवाल उपस्थित थे।
18 जिलों में ड्रोन टीम हैं तैनात
उधर, मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, चरखी दादरी और रोहतक सहित कुछ जिलों में ‘स्वामित्व योजना’ के तहत शत-प्रतिशत कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में बताया गया कि करनाल के चित्र लेने के लिए 360 कैमरों की नई तकनीक का प्रयोग किया गया है। मैपिंग पूरी हो जाने के बाद ये फोटो मानचित्रों के साथ एकीकृत किए जाएंगे और यह कार्य 10 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। वर्तमान में 18 जिलों में ड्रोन टीमों की प्रतिनियुक्ति की गई है।