भिवानी, 20 दिसंबर (हप्र)
जैसे बुरा सपना नींद खुलते ही समाप्त हो जाता है, वैसे ही दुख की घड़ी भी कुछ पल बाद बीत जाएगी। कोरोना का यह काल भी हमें यही शिक्षा देता है।
परमात्मा के कारज में मीन-मेख मत निकालो। विचार करो कि जिस कारण ये मानव चोला मिला था क्या उसे हमने पूरा किया। यह सत्संग वाणी परमसंत हुज़ूर कंवर साहेब जी महाराज ने गांव दिनोद में रोहतक शाखा के नाम का सत्संग फरमाते हुए कही। गुरु महाराज जी ने कहा कि भक्ति विशुद्ध मन से ही हो सकती है। बुराई को त्यागने वाला और भी बहुत कुछ कर सकता है।
नववर्ष पर संकल्प धारण करो कि हम अपना ज्यादातर समय प्रभु की भक्ति में बिताएंगे। मां-बाप की सेवा सर्वोपरि है। मां-बाप को दुख दे कर कितने ही तीर्थ व्रत कर लो, कितने ही गुरु धारण करो, कितने ही मंदिर-मस्जिदों में माथा रगड़ने
से कोई फायदा नहीं।