Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

चौथे नवरात्र पर श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

कैथल, 6 अक्तूबर (हप्र) चौथे नवरात्र पर श्रद्धालुओं ने मां कूष्माण्डा की विधिपूर्वक पूजा करके नगर व परिवार की सुख-शांति के लिए आराधना की। नवरात्र पर्व को लेकर मंदिरों में प्रतिदिन भीड़ बढ़ रही है। सुबह से ही श्रद्धालु मां...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
राजौंद में नवरात्र पर्व पर दुर्गा मंदिर में कीर्तन करती महिलाएं। -हप्र
Advertisement

कैथल, 6 अक्तूबर (हप्र)

चौथे नवरात्र पर श्रद्धालुओं ने मां कूष्माण्डा की विधिपूर्वक पूजा करके नगर व परिवार की सुख-शांति के लिए आराधना की। नवरात्र पर्व को लेकर मंदिरों में प्रतिदिन भीड़ बढ़ रही है।

Advertisement

सुबह से ही श्रद्धालु मां की पूजा के लिए मंदिरों में पहुंच रहे हैं। महिला संकीर्तन मंडली द्वारा दुर्गा मंदिर में प्रतिदिन भजनों के माध्यम से मां का गुणगान भी किया जाता है। नवरात्र पर्व बारे आचार्य रामभगत हरित ने बताया कि ज्योतिष पांचाग के अनुसार नवरात्र शब्द का अर्थ है नवरात्रि, प्रतिपदा से नवमी पर्यंत नवरात्र कहलाता है।

Advertisement

उन्होंने बताया कि श्रीमद् देवी भागवत अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्र होते हैं, जिनमें चैत्र, आषाढ़, माघ, आश्विन मास में होते हैं। चैत्र, आषाढ़, ग्रीष्म कालीन नवरात्रे तथा माघ, आश्विन शरद कालीन नवरात्र के नाम से विख्यात है। आदिशक्ति भवानी का स्मरण मुख्य काल नवरात्र है, जिसमें भक्तजन व्रत, कन्या पूजन, दुर्गा सप्तशती पाठ, सहस्र चंडी, शतचंडी, आयूष चंडी आदि यज्ञ करके अपने मनोरथ पूर्ण करते हैं।

आचार्य ने बताया कि ग्रीष्म नवरात्र ग्रीष्म ऋतु का सूचक है। इसी तरह शरद नवरात्र शरद ऋतु का सूचक है। चैत्र, ग्रीष्म ऋतु, आश्विन प्रकट नवरात्र हैं।

आषाढ़ व माघ गुप्त नवरात्र कहलाते हैं। उन्होंने बताया कि दुर्गा अष्टमी की पूजा 11 अक्तूबर को की जाएगी।

वैसे तो मंदिरों में पूजा-अर्चना हर रोज होती है, परंतु नवरात्र पर्व के दौरान मंदिरों में पूजा का विशेष महत्व शास्त्रों में दिया गया है।

Advertisement
×