सोनीपत, 4 सितंबर (हप्र)
नगर निगम के डिप्टी मेयर मंजीत गहलावत ने शहर के कुछ हिस्सों में मांग के अनुरूप पेयजल आपूर्ति कराने और लंबित विकास कार्य तुरंत शुरू कराने की मांग को लेकर सोमवार को निगम परिसर में एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल की। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। भूजल की जांच किए बिना ही ट्यूबवेल लगा दिए गए। खारा पानी घरों में सप्लाई होने पर लोग शिकायत कर रहे हैं।
डिप्टी मेयर मंजीत गहलावत और वार्ड-20 से पार्षद नीतू दहिया ने रविवार को शहर के लोगों और पार्षदों से पेयजल समस्या के समाधान के लिए नगर निगम कार्यालय में सांकेतिक भूख हड़ताल में सहयोग करने की अपील की थी। सोमवार को सुबह करीब 10 बजे डिप्टी मेयर और पार्षद प्रतिनिधि राजेश दहिया ने नगर निगम कार्यालय में सांकेतिक भूख हड़ताल शुरू कर दी। शहर के लोगों ने भी उनकी मांगों का समर्थन किया और उनके साथ बैठे। डिप्टी मेयर ने कहा कि शहर में पेयजल की समस्या है। विशेषरूप से लाइनपार क्षेत्र में समस्या अधिक है। पानी की आपूर्ति के लिए ट्यूबवेल लगाए, उसमें भी भ्रष्टाचार हुआ है। नियमानुसार ट्यूबवेल लगाने से पहले भूजल की जांच होनी चाहिए, लेकिन अधिकारियों ने जांच कराए बिना ही ट्यूबवेल लगा दिया गया। लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी लोगों की पेयजल समस्या का समाधान नहीं हुआ।
इसके अलावा विकास कार्य भी रुके हुए हैं। अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। शहर में विकास कार्य भी बंद पड़े हुए हैं। कहने के बाद भी टेंडर नहीं लग रहे। टेंडर रिकॉल नहीं हो रहे।
इस अवसर पर प्रो. बंसीलाल कुंडू, रितुराज, राजकुमार राणा, रामफूल, अनुज, अशोक चौहान, रणदीप दहिया, चमनसिंह, महावीर राठी, बिजेंद्र कुमार भी मौजूद रहे।
साथ ही उन्होंने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था बेहाल है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। निगम एजेंसी पर जुर्माना लगाकर अपनी जेब भर रहा है। किसी भी विकास कार्य का रिकाल टेंडर की फाइल आयुक्त के पास जाती है तो वहीं रुक जाती है। अब यह ऊपर का दबाव है या फिर आयुक्त ही कार्य कराना नहीं चाहते।
डिमांड 28 एमएलडी की, मिल रहा 18 एमएलडी
डिप्टी मेयर मंजीत गहलावत ने कहा कि लाइनपार क्षेत्र में 28 एमएलडी पानी की डिमांड है, लेकिन निगम केवल 18 एमएलडी ही दे पा रहा है। शेष पानी की व्यवस्था भी नहीं कर रहा। पानी की किल्लत के कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। जुलाई में रेनीवेल की पाइप लाइन बाढ़ के पानी में बह गई थी। उस समय निगम के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। यदि सामाजिक संगठन पानी के टैंकर नहीं लगाते हैं तो लोगों की समस्या बढ़ सकती थी। उनकी मांग है कि लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराना निगम की जिम्मेदारी, जिसे अधिकारियों को पूरा करना चाहिए।
नगर निगम जो भी ट्यूबवेल लगाता है, उससे पहले सर्वे कराकर पानी के सैंपलों की जांच कराई जाती है। निगम ने भी इस प्रक्रिया को पूरा करके जांच रिपोर्ट के आधार पर ही ट्यूबवेल लगवाए थे। गढ़ी ब्राह्माणान के ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई की जा रही है। लोगों की जरूरत के अनुसार पानी सप्लाई करने के लिए सेक्टर-23 के नजदीक डब्ल्यूटीपी भी चालू कराने की कवायद चल रही है।
निजेश, एक्सईएन, नगर निगम, सोनीपत