दिनेश भारद्वाज
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 22 नवंबर
यमुनानगर में गरीबों का राशन डकारने का पर्दाफाश होने के बाद अब सरकार सभी जिलों की पड़ताल कराएगी। प्रदेश के सभी जिलों में राशन डिपो होल्डरों और राशन कार्डधारकों की फिजिकल वैरिफिकेशन होगी। बायो-मैट्रिक सिस्टम लागू होने के बावजूद यमुनानगर में हुए इस घोटाले से सरकार स्तब्ध है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने सभी जिलों में फिजिकल वैरिफिकेशन के आदेश दिए हैं। दरअसल, घोटालेबाजों ने डिपो होल्डरों के साथ मिलकर गरीबों के राशन को हड़पने का काम किया। सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को बीपीएल अथवा ओपीएल कार्ड के माध्यम से राशन दिया जाता है। सरकार राशन वितरण में पारदर्शिता के लिए पहले ही स्मार्ट कार्ड योजना लागू कर चुकी है। इसके चलते अब कार्ड धारक के पास पहले की तरह अपने कार्ड में शामिल परिवारक सदस्यों का ब्यौरा नहीं होता है।
इसी का लाभ उठाते हुए कुछ डिपो धारकों ने घोटालेबाजों के साथ मिलकर राशन कार्ड में नाम बढ़ाने शुरू कर दिए। जिसके आधार पर राशन की मात्रा बढ़ गई। विभागीय सूत्रों के अनुसार संदेह के आधार पर जब यमुनानगर जिले में जांच की गई तो वहां ऐसे कई राशन कार्ड मिले जिनमें पिछले करीब एक साल के भीतर नए लोग जोड़े गए। धरातल पर जब वैरीफिकेशन करवाई गई तो न तो कार्ड के मालिक को इस बारे में कोई जानकारी थी और न ही वह लोग मिले जिनके नाम राशन कार्ड में शामिल किए गए थे।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि डिपो धारक बढ़े हुए लोगों का राशन लेकर मार्केट में बेच रहे थे। जिसके चलते खाद्य आपूर्ति विभाग ने प्रदेश के सभी जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रकों से रिपोर्ट मांग ली गई है। विभाग के एसीएस पीके दास का मानना है कि यमुनानगर की तरह ही दूसरे जिलों में भी गड़बड़ मिल सकती है। इसीलिए सभी जिलों के डीएफएससी को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में फिजिकल वैरिफिकेशन करवाएं। उनका कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविकता का पता लगेगा।