नूंह/मेवात (निस) : जिले में डेंगू, मलेरिया के अलावा बुखार, खांसी, जुकाम व डायरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिले में बुखार से 3 मौत होने की बात सामने आई है। लोगों की माने तो जिले में शायद ही कोई घर ऐसा हो जहां इन बीमारियों का प्रकोप न हो। सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों की भरमार हैं जबकि निजी अस्पताल, नर्सिंग होम आदि भी मरीजों से खचाखच भरे हुए हैं। सरकारी आंकडों के अनुसार जिले में 25 मामले डेंगू, 4 मलेरिया के हैं। सबसे अधिक 13 मामले गांव किरंज, 6 खानपुर घाटी, एक फिरोजपुर झिरका , एक इमाम नगर, 3 शहजादपुर डूंगरजहां, एक सूखपूरी में केस है। जबकि मलेरिया के गांव उजीना, बीबीपुर व निजामपुर नूंह में हैं। वहीं, बुखार से फिरोजपुर शहर में 1 व गांव आकेडा में 2 की मौत हो चुकी है। माण्डीखेडा सामान्य अस्पताल के चिकित्सक व महामारी प्रभारी डाॅ़ विमलेश तिवारी ने माना कि जिले में 25 मरीज डेंगू व 4 मलेरिया के मरीज हैं तथा सरकारी अस्पतालों में अधिकांश मरीज फ्लू के आ रहे हैं। गांव आकेड़ा में एक व फिरोजपुर झिरका शहर में एक मौत की बात सामने आई है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।