नारनौल, 8 फरवरी (हप्र)
जिला बार एसोसिएशन द्वारा बनाई जिला बचाओ संघर्ष समिति ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम एक ज्ञापन सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश को उनके कार्यालय में सौंपा। उसके बाद जिला बार एसोसिएशन के सभी अधिवक्ता प्रदर्शन करते हुये डीसी के कैंप कार्यालय पहुंचे। ज्ञापन देने के बाद सभी वकील प्रदर्शन करते हुये आजाद चौक पहुंचे। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान अशोक यादव के नेतृत्व में जिला बचाओ संघर्ष समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने शहर में आए सांसद धर्मवीर सिंह से मुलाकात की और उन्हें सारे हालात बताएं और अपना ज्ञापन भी दिया। सांसद ने उन्हें सकारात्मक कार्रवाई के लिए आश्वासन दिया है और कह कि वह इस क्षेत्र के निवासियों की भावनाएं सरकार तक पहुंचाएंगे।
‘जिले का नाम नारनौल ही रखा जाये’
जिले का नाम नारनौल करवाने तथा सरकार द्वारा जिला अधिकारियों को एक दिन महेंद्रगढ़ में बैठने के आदेशों को रद्द करवाने के लिए सोमवार को सैनी सभा के रेवाड़ी रोड स्थित प्रांगण में विभिन्न समाजों के लोगों के प्रतिनिधियों की एक बैठक गोकलचंद सैनी के संयोजन में हुई। बैठक की अध्यक्षता सैनी सभा के प्रधान भगवानदास सैनी ने की।
बैठक को संबोधित करते हुए संयोजक गोकलचंद सैनी, गौड़ सभा के प्रधान एडवोकेट राकेश महता व रतनलाल एडवोकेट ने बताया कि 1966 में हरियाणा के गठन के समय में जब केवल 7 जिले अस्तित्व में आए थे तब से ही जिले की संचालन प्रक्रिया जिला मुख्यालय नारनौल से ही शुरू हुई थी। नारनौल हर दृष्टि से जिला मुख्यालय की अपनी पहचान रखता है। इसलिए सरकार को जिला का नाम ही नारनौल रख देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अभी हाल में ही सरकार ने जो पत्र भेजकर जिला अधिकारियों को हर मंगलवार महेंद्रगढ बैठने के आदेश दिए हैं, उन आदेशों को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाये। बैठक में यह भी कहा गया कि नारनौल के जिला मुख्यालय के अधिकारियों को अन्य जगह बैठाने के आदेश किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।