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उपमंडल कार्यालय पर चकबंदी विभाग के खिलाफ प्रदर्शन, सीएम से रोकने की गुहार

हथवाला गांव की 22 सौ एकड़ शामलात देह जमीन की चकबंदी का मामला

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हथवाला के ग्रामीण चकबंदी विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए। -निस
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विनोद लाहोट/निस

समालखा, 21 जनवरी

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यमुना नदी की तलहटी में बसा हथवाला गांव की करीब 2200 एकड़ शामलात देह की जमीन की चकबंदी का मामला गर्माता जा रहा है।

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समालखा के विधायक मनमोहन भडाना, प्रदेश सरकार के मंत्री कृष्ण बेदी व महिपाल ढांडा गांव के ग्रामीणों की मांग पर चकबंदी कार्य को रोकने के लिए डीसी पानीपत को आदेश दे चुके हैं, बावजूद इसके समालखा की तहसीलदार चकबंदी कार्य को रोकने के बजाय इसे यथावत जारी रखकर ग्रामीणों को नोटिस जारी कर रही है।

चकबंदी कार्य को रुकवाने के लिए मंगलवार को एक बार फिर सैकड़ों ग्रामीणों ने उपमंडल कार्यालय पर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व ब्लाक समिति चेयरमैन दीपक त्यागी व गांव की सरपंच के पिता कृष्ण कुमार के नेतृत्व में आए प्रदर्शनकारियों ने तहसील प्रशासन पर भू-माफिया के साथ मिलीभगत कर चकबंदी की आड़ में भारी गोलमाल करने के आरोप लगाते हुए सीएम नायब सिंह सैनी से हथवाला गांव की चकबंदी को तुरंत रुकवा कर नये सिरे से चकबंदी करने की गुहार लगाई है। उधर, चकबंदी विभाग ने इस मामले की सुनवाई के लिए 18 फरवरी की तारीख लगाई है। उपमंडल परिसर में हथवाला के प्रदर्शनकारी किसानों ने समालखा चकबंदी विभाग के एसीओ नरेंद्र राणा व सुभाष पटवारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हथवाला के 95 वर्षीय किसान रघुबीर सैनी,समालखा ब्लाक समिति के पूर्व चेयरमैन दीपक त्यागी,राम त्यागी व संदीप त्यागी ने बताया कि चकबंदी विभाग कुछ प्रभावशाली भूमाफिया से मिल कर शामलातदेह की जमीन गलत तरीके से उनके नाम कर जमीन के असली वारिसों को बेदखल करने का काम किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है, गांव में तनाव के हालात हैं। अगर प्रशासन ने तुरंत चकबंदी के प्रोसेसिंग को नहीं रोका तो गांव में खून-खराबा हो सकता है।

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि चार साल पहले इस मामले की जांच राजस्व विभाग के वित्तायुक्त के आदेश पर दो एसडीएम के नेतृत्व मे बनी जांच कमेटी चकबंदी को रोकने की सिफारिश कर चुकी है।

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