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जींद से फिर गूंजी जाट आरक्षण की मांग, 14 राज्यों में लड़ी जाएगी लड़ाई

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक में लिया गया फैसला
मंगलवार को जींद में हुई बैठक में भाग लेते अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारी। हप्र
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जसमेर मलिक / हमारे प्रतिनिधि

जींद, 27 मई

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हरियाणा समेत देश के 14 राज्यों में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल कर आरक्षण देने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। इस आंदोलन की नई शुरुआत जींद के हैबतपुर गांव से हुई है।

मंगलवार को हैबतपुर के ग्रामीण सचिवालय में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की अहम बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रताप दहिया की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जींद जिले के कार्यकर्ताओं सहित राष्ट्रीय और प्रदेश पदाधिकारियों ने भाग लिया।

प्रताप दहिया ने बताया कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली समेत 14 राज्यों में जाट समुदाय निवास करता है। इन राज्यों में जाटों को ओबीसी में शामिल कर उन्हें केंद्र और राज्य स्तर पर आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में केवल राजस्थान में ही जाटों को दोनों स्तरों पर ओबीसी आरक्षण प्राप्त है।

उन्होंने याद दिलाया कि 2016 में हरियाणा में बड़ा आंदोलन हुआ था। संगठन ने आंदोलन समाप्त नहीं किया था बल्कि परिस्थितियों को देखते हुए स्थगित किया गया था। अब दोबारा उसी मांग को लेकर व्यापक आंदोलन की तैयारी की जा रही है।

उन्होंने कहा कि अहीर, सैनी, गुर्जर और बैरागी समुदायों को ओबीसी का लाभ मिल रहा है, जबकि जाट समुदाय सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से उनके समकक्ष होने के बावजूद इससे वंचित है।

बैठक में तय किया गया कि संगठन को खंड, जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर दोबारा संगठित किया जाएगा। बैठक में गांव के सरपंच ऋषिपाल, कुलबीर चहल और अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे।

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