कैथल, 16 सितंबर (हप्र)
कैथल के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. गगनदीप कौर सिंह की अदालत ने 7 साल की एक बच्ची के साथ रेप और उसके बाद निर्ममता से हत्या करने के दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। कैथल के इतिहास में यह पहला ऐसा फैसला है कि किसी दोषी को मौत की सजा दी गई हो। अदालत ने जिला विधिक सेवाएं प्राधिकारण के माध्यम से बच्ची के माता-पिता को 30 लाख रुपए मुआवजा भी देने के आदेश दिए हैं। यह मुआवजा राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त अलग-अलग अपराधों में दोषी पर 13 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। मामले में कुल 34 गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों को गौर से सुनने के बाद एडीजे डा. गगनदीप कौर सिंह ने पवन को रेप और हत्या का दोषी पाया तथा गवाहों और सबूतों की रोशनी में अपने 100 पेज के फैसले में दोषी को फांसी की सजा सुनाई। फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि ऐसा घिनौना, जघन्य कृत्य करने वाले इंसान को जीने का कोई हक नहीं है।
केस की विशेष बात यह रही कि पुलिस ने मात्र 5 दिन में चालान तैयार करके अदालत में पेश कर दिया था। शिकायत पक्ष की ओर से केस की पैरवी उप जिला न्यायवादी जयभगवान गोयल ने की। जय भगवान गोयल ने बताया कि कलायत थाना क्षेत्र के एक गांव में गत वर्ष 8 अक्तूबर को दोषी पवन दूसरी कक्षा में पड़ने वाली 7 साल की बच्ची को बहका फुसला कर अपने साथ ले गया। जब बच्ची घर वापस नहीं आई तो उसकी तलाश शरू की गई और कलायत थाने में अपहरण का केस दर्ज करवाया गया। अगले दिन दोपहर 3 बजे बच्ची का अधजला शव निकट के जंगलों में मिला। पुलिस ने मौके पर फोरेंसिंक टीम को बुलाया। इस संबंध में पवन को हिरासत में लिया गया क्योंकि यह युवक सीसीटीवी की फुटेज में शनिवार को बच्ची को अपने साथ ले जाते हुए नजर आ रहा था।
पूछताछ में पवन ने सारी वारदात का खुलासा किया। उसने बताया कि बच्ची से रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी। वारदात के बाद सबूत मिटाने के मकसद से बच्ची के शव को तेल छिडकक़र जला दिया था। इसके बाद पवन के खिलाफ हत्या और रेप का केस दर्ज किया गया। पुलिस ने पवन को गिरफ्तार करके अदालत के सुपुर्द कर दिया।