पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 25 अगस्त
बेटियाें के लिए शहर में बना राजकीय कन्या कॉलेज संसाधनों के अभाव से गुजर रहा है। उधारी के कमरों में चल रहे इस कॉलेज की हालत यह है कि बेटियां बरामदे में कक्षा लगाने को मजबूर हैं। हाल यह है कि बाथरूम तक के लिए उपयुक्त व्यवस्था नहीं। प्राचार्या और स्टाफ के सदस्य एक ही कमरे में दफ्तर लगाते हैं।
दरअसल, तीन साल पहले तत्कालीन कैबिनेट मंत्री कविता जैन की मांग पर सरकार ने बेटियों के लिए राजकीय कॉलेज को मंजूरी दी थी। लंबे समय तक इसके भवन को लेकर जमीन की तलाश चलती रही। इस बीच कॉलेज शुरू करने का निर्णय हुआ और शहर के मुरथल अड्डा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के भवन के एक कोने में 3 कमरे देकर यह कॉलेज शुरू कर दिया गया। साथ ही नये कॉलेज के भवन के निर्माण के लिए जगह तय हो गई। मौजूदा समय में राजकीय कन्या कॉलेज में सात कमरे उपलब्ध हैं और इनमें 15 कक्षाएं लगनी है। कोरोनाकाल से पहले बरामदों में 4 कक्षाएं व लैब में 2 कक्षाएं लगती थी। अब नए सत्र में छात्राओं की संख्या बढ़ने के साथ ही कई नए कोर्स भी शुरू होंगे तो, अब बरामदों की जगह भी कम पड़ती दिख रही है। शहर के सेक्टर-12 में बन रहे कॉलेज का नया भवन इस सत्र में नहीं मिल पाएगा। इसका निर्माण जून 2021 तक पूरा होने की उम्मीद है। तब तक के लिए मुरथल अड्डा स्कूल के आधे-अधूरे भवन से ही काम चलाना होगा। पिछले सत्र तक कॉलेज में 300 छात्राएं थी।
मोहाना कॉलेज का भी हाल बेहाल
सरकार ने आनन-फानन में कॉलेजों की घोषणाएं तो कर दी, लेकिन आधारभूत ढांचा नहीं होने के कारण दिक्कत आ रही है। मोहाना में दो साल पहले कॉलेज की घोषणा की गई थी और पिछले वर्ष इसे शुरू भी कर दिया गया था। मोहाना के राजकीय स्कूल के भवन के 4 कमरों में ही कॉलेज को शुरू किया गया है। यहां न तो चपरासी है और न ही बाथरूम है। शिक्षक स्टाफ के 7 सदस्य खुद ही कॉलेज खोलते हैं।
“नये सत्र के लिए दाखिला प्रक्रिया चल रही है। भवन की कमी के कारण दिक्कत तो होगी, लेकिन स्टाफ के सामने फिलहाल कोई विकल्प भी नहीं है। कक्षाएं शुरू होंगी, तो चिंता बढ़ेगी। नया भवन जून 2021 में मिलेगी, तब तक जो है उसी से काम चला रहे हैं।”
-सुमन दहिया, प्राचार्या, राजकीय कन्या कॉलेज