जींद, 29 अगस्त (हप्र)
रक्षाबंधन पर्व फ्री यात्रा की सुविधा लेने के लिए मंगलवार को शहर के बस अड्डे पर महिलाओं की खूब भीड़ रही। अपने भाईयों को राखी बांधने के लिए महिलाएं रोडवेज और निजी बसों में रवाना हुई। हालांकि कई रूटों पर निजी बसें नदारद रही, जिनकी कमी पूरी करते हुए रोडवेज बसों ने मोर्चा संभाला। निजी बसों ने 50 से ज्यादा चक्कर मिस किए। कई रूटों पर महिलाओं को बसों में चढ़नेे के लिए काफी मशक्त करनी पड़ी। काबिलेजिक्र है कि रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए मंगलवार को 12 बजे से बहनों तथा उनके 15 वर्ष तक के बच्चों को रोडवेज में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई।
इसे लेकर रोडवेज विभाग द्वारा बेहतर प्रबंधों का दावा किया गया था ताकि बहनों को कोई परेशानी न आए, लेकिन कई बसों में तो तय सीटों से अधिक सवारियां यात्रा करने को मजबूर हो रही थी, वहीं बसों के इंतजार में बूथों पर बहनें इंतजार करते हुए नजर आई। जिसके चलते महिलाओं को बसों में सीट तक उपलब्ध नहीं हो पा रही थी और उन्हें खड़े होकर सफर करने को मजबूर होना पड़ रहा था। प्राइवेट बसों के न चलने से महिला यात्री बसों का इंतजार कर रही थी। बसों में ज्यादा भीड़ होने के चलते महिलाओं को खड़े होकर सफर करते हुए देखा गया। जैसे ही कोई बस बूथ पर लगती तो उसमें सीट लेने के लिए खूब गहमागहमी हो जाती। जिला परिवहन अधिकारी सुनील कुमार ने निजी बस संचालकों को आदेश जारी किए हैं कि बुधवार को ऐसी शिकायत नहीं आनी चाहिए अन्यथा उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
बस अड्डे पर चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस कर्मचारी तैनात रहे। वहीं, डिपो प्रबंधन ने निजी बसों की रिपोर्ट बनाकर जिला परिवहन अधिकारी के पास भेज दी है।
इन रूटों पर चलाई गई स्पेशल बसें…
जींद शहर से रोहतक, दिल्ली, कुरुक्षेत्र, करनाल व हिसार रूट पर महिला यात्रियों की संख्या ज्यादा होने पर रोडवेज बस चलाई गई। महिला यात्रियों के लिए डिपो ने 50 बसों को रिजर्व रखा था। एक ओर जहां प्राइवेट बस आपरेटरों ने महिला यात्रियों के लिए निशुल्क बस सेवा के आदेशों को दरकिनार किया, वहीं रोडवेज कर्मचारियों की दो दिन तक छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं। इसके अलावा रोडवेज फ्लाइंग टीम की भी ड्यूटी बस स्टैंड पर ही लगाई गई है।
}महिलाओं को मुफ्त बसों में सफर को लेकर कोई परेशानी न आए, इसके लिए 50 से अधिक बसें स्पेशल रिजर्व रखी गई थी, जिस रूट पर महिला यात्रियों की संख्या ज्यादा रही, उसी रूट पर रोडवेज बसों को चलाया गया। वहीं जो प्राइवेट बस कम चली हैं, उसकी रिपोर्ट बनाकर जिला परिवहन अधिकारी के पास भेज दी गई है।- ~
–कमलजीत सिंह, महाप्रबंधक, रोडवेज डिपो जींद।