चंडीगढ़, 12 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा रोडवेज का घाटा लगातार बढ़ रहा है। परिवहन सेवाओं पर फिर से कोरोना की मार पड़ी है। पिछले साल कोरोना काल की वजह से शुरू हुआ घाटा इस साल भी जारी है। अब एक बार फिर कोरोना संक्रमण फैलने की वजह से रोडवेज बसों में सवारियां घटने लगी हैं। परिवहन विभाग के पास खुद की लगभग 3200 बस हैं। इसके अलावा 550 किमी स्कीम की बसें हैं। 3750 बसों में से फिलहाल 2064 बसें ही सड़कों पर हैं। इनमें से भी 1100 से अधिक बस ऐसी हैं, जो इंटर-स्टेट चल रही हैं। इनमें नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब व राजस्थान शामिल हैं। मर्सिडिज की 22 नयी एसी बसें भी परिवहन बेड़े में पिछले साल शामिल हो चुकी हैं लेकिन इनमें से वर्तमान में 5 ही रोड पर हैं। वोल्वो की तीन बजें गुरुग्राम से और 2 चंडीगढ़ से चल रही है। फिलहाल वोल्वो इसी रूट पर चलाई जा रही है। दिल्ली बार्डर पर किसानों का आंदोलन चलने की वजह से नई दिल्ली में आने वाली बसों की संख्या भी कम है। वोल्वो भी सिंघू बार्डर की बजाय कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे से होते हुए नई दिल्ली जा रही हैं। सरकारी बसों की बजाय किमी स्कीम की सभी 550 बसों को चलाना सरकार के लिए मजबूरी भी है। इन बसों के लिए सरकार ने एग्रीमेंट किया हुआ है। ऐसे में अगर बसों को नहीं चलाया गया तो भी इनका खर्चा सरकार पर पड़ेगा। ऐसे में किमी स्कीम की सभी बसों को चलाया जा रहा है।
वहीं, प्रदेश में 1000 के करीब परिवहन समितियों की बसें हैं, इनमें से भी आधे के करीब ही बस सड़कों पर आई हैं। सवारियां नहीं मिलने की वजह से परिवहन समितियों ने बसों की संख्या घटा दी है। पिछले साल लॉकडाउन के बाद से ही परिवहन विभाग घाटे में चल रहा है। 1000 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा अभी तक होने का अनुमान है। अब परिवहन विभाग इंटर-स्टेट बस सेवा बढ़ाने पर विचार कर रहा है ताकि घाटे को कुछ कम किया जा सके। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि परिवहन सेवाओं पर कोरोना का असर पड़ा है। अब एक बार फिर से संक्रमण के केस बढ़ने की वजह से बसों में सवारियों की संख्या कम होने लगी है। इसके बावजूद सरकार बसों की संख्या बढ़ा रही है ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। इंटर-स्टेट बस सेवा को और बढ़ाया जाएगा।
चंडीगढ़ तक आ रही सर्वाधिक 267 बसें
Bइंटर-स्टेट बस सेवा शुरू नहीं होती तो परिवहन विभाग का नुकसान और भी अधिक होता। वर्तमान में हरियाणा के विभिन्न जिलों से राजधानी चंडीगढ़ में सबसे अधिक 267 बसें आ रही हैं। इसी तरह से विभिन्न जिलों से होते हुए उत्तर प्रदेश में 206, उत्तराखंड में 43, राजस्थान में 206, पंजाब में 147, हिमाचल प्रदेश में 69 तथा नई दिल्ली में 206 बसंट जा रही हैं।