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लाॅन्च होने से पहले राज्य गीत पर विवादों का साया

िवस कमेटी कर चुकी फाइनल, सोनीपत व फतेहाबाद के लेखकों ने लगाए बोल चोरी करने के आरोप
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चंडीगढ़, 8 मार्च (ट्रिन्यू)

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में राज्य गीत पेश होने से पहले ही विवाद हो गया है। हरियाणा के दो लेखकों फतेहाबाद जिले के गांव ढिंगसरा निवासी कृष्ण कुमार और सोनीपत की गीतू परी ने अलग-अलग तरीके से इस गीत पर अपना दावा ठोका है। ऐसे में सरकार के सामने गीत को मंजूरी प्रदान करने को लेकर दुविधा खड़ी हो गई है।

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सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में यह मुद्दा उठ सकता है। राज्य गीत को फाइनल करने के लिए रेवाड़ी से भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी में झज्जर से कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल, हांसी से भाजपा विधायक विनोद भयाना, फतेहाबाद से कांग्रेस विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया और रानियां से इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल को सदस्य के रूप में शामिल किया गया। कमेटी के पास 204 गीत पहुंचे थे। इनमें से कमेटी ने 3 गीत चुने।

आखिरी मंथन के बाद ‘जय जय जय हरियाणा’ गीत को फाइनल किया गया। कमेटी के मुताबिक, राज्यगीत को पानीपत के डॉ. बालकिशन शर्मा ने लिखा है। 3 मिनट के इस गीत में 21 लाइनें हैं, जिनमें कुरुक्षेत्र की धरती, किसानों, खिलाड़ियों, सैनिकों और दूध-दही के खाने का जिक्र किया गया है। इस गीत के सिंगर डॉ. श्याम शर्मा और कंपोजर पारस चोपड़ा हैं। वहीं, रोहतक की मालविका पंडित ने इसे डायरेक्ट किया है। पहले इसे बॉलीवुड सिंगर कैलाश खैर ने गाना था लेकिन उनकी आवाज में हरियाणवी टच न होने पर डॉ. श्याम शर्मा ने आवाज दी है। कमेटी गीत को लेकर अपनी फाइनल रिपोर्ट पिछले सप्ताह दे चुकी है।

80 प्रतिशत गाना मेरा, किसी और को दिया जा रहा क्रेडिट : कृष्ण कुमार

फतेहाबाद जिला के गांव ढिंगसरा निवासी कृष्ण कुमार ने गीत के बोल पर दावा पेश करते हुए कहा कि जुलाई 2021 में उन्हें कोरोना के दौरान पता चला कि सरकार ने गीत निर्माण के लिए आवेदन मांगे हैं। तब उन्होंने गीत का निर्माण करके सरकार द्वारा बताई साइट पर मेल कर दिया। 2023 में पता चला कि तीन गीतों को फाइनल किया गया। इसमें जय, जय हरियाणा भी शामिल है। 26 जनवरी 2024 को राजपथ पर हरियाणा की झांकी में भी उनके गीत की धुन बजाई गई। कुछ दिन पहले पता चला कि गीत का रचनाकार किसी और बताया गया है। मैंने आरटीआई लगाई, जिसका कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजी है। कृष्ण के अनुसार उन्होंने हरियाणवी भाषा में गीत लिखा था जिसका हिंदी में रूपांतरण कर दिया गया है। कृष्ण कुमार ने दावा किया कि 80 प्रतिशत गीत उनका ही लिखा हुआ है। उन्हें इसका क्रेडिट नहीं मिला है।

गाने के लिरिक्स मेरे, मुझे ही मिले क्रेडिट : गीतू परी

सोनीपत की लेखक-अभिनेत्री गीतू परी ने लिरिक्स पर दावा पेश करते हुए कहा कि राज्य गीत में लिखे लिरिक्स उनके गीत से मिलते-जुलते हैं। हरियाणा के लिए गर्व की बात है कि प्रदेश का अपना राज्य गीत लॉन्च हो रहा है, लेकिन गीत में लिरिक्स उनके हैं तो उन्हें भी क्रेडिट दिया जाना चाहिए। गीतू परी ने कहा कि उन्होंने यह गीत 29 जनवरी 2024 को लिखा था। राज्यगीत का टाइटल मेरे लिखे गीत जैसा है। मैंने उसमें 2 बार जय-जय लिखा था, लेकिन राज्य गीत में इसे 3 बार कर दिया गया। यह लाइन काफी मिलती-जुलती है। राज्य गीत के लिए मेरे गाने से बहुत सारे लिरिक्स उठाए गए हैं।

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