करनाल (हप्र): भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि हजारों बलिदानियों को भुला देने वाली कांग्रेस अब तिरंगे पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा स्वतंत्रता के लिए बलिदान हुए सभी बलिदानियों का नाम देश के सामने रखने के लिए कृतसंकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस तिरंगे का वर्षों से अपमान करती आ रही है। धनखड़ शुक्रवार को करनाल के कल्पना चावला सभागार में पार्टी के प्रकोष्ठों और विभागों की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि आजादी से पहले 30 दिसंबर 1943 को सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान निकोबार के पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराया था, लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस ने पापपूर्ण व्यवहार करते हुए यहां तिरंगा फहराने पर रोक लगा दी थी। जिसके कारण वहां वर्षों तक तिरंगा नहीं फहराया जा सका था। बैठक के बाद तिरंगा यात्रा भी निकाली गई जो कल्पना चावला सभागार से होती हुई शहीद स्मारक तक पहुंची। यहां प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, सांसद संजय भाटिया, प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेद पाल, प्रदेश महामंत्री डा. पवन सैनी आदि नेताओं ने पुष्प अर्पित कर श्रृद्धांजलि दी।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।