शाहाबाद मारकंडा, 1 जनवरी (निस)
शाहाबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में केवल 1 डॉक्टर होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार शाहाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 7 चिकित्सकों, 1 वरिष्ठ चिकित्सक अधिकारी तथा 1 डेंटल सर्जन के पद हैं। इनमें से 5 डाॅक्टरों की पोस्ट खाली पड़ी हैं। यहां पर केवल 2 डॉक्टर कार्यरत थे, जिनमें से डाॅ. रजत दुर्घटना में घायल होने के कारण छुट्टी पर चल रहे हैं तथा वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी का भी तबादला हो गया है। ऐसे में केवल एक चिकित्सक डाॅ. कुलदीप पूरे अस्पताल की जिम्मेदारी संभाले हुए है। अगर धुंध के समय में कोई हादसा घट जाए तो मरीज की जान जाने का जोखिम बढ़ जाएगा और उसे अंबाला या कुरूक्षेत्र रेफर करना पड़ेगा। शाहाबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 50 बेड का है, लेकिन सुविधाएं शून्य हैं। 100 बेड के नए अस्पताल की बिल्डिंग बनकर तैयार है और इसका शुभारंभ किसी भी समय हो सकता है। डॉक्टरों के अभाव में मरीजों को धक्के खाने पड़ते हैं और कुछ तो बिना ईलाज के ही चले जाते हैं और प्राईवेट अस्पतालों में ईलाज करवाते हैं।
क्या कहते हैं विधायक
इस बारे शाहाबाद के विधायक रामकरण काला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह आज ही उपायुक्त व सिविल सर्जन से बात करेंगे और जल्द ही चिकित्सकों की नियुक्ति होगी। उन्होंने बताया कि नई बिल्डिंग भी जल्द जनता को समर्पित की जाएगी और इस अस्पताल का दर्जा बढ़ने के साथ बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी।
सफाई व्यवस्था का भी बुरा हाल
अस्पताल में पोस्टमार्टम सुविधा भी नहीं है। अस्पताल में सफाई व्यवस्था का भी बुरा हाल है। एक अनुमान के अनुसार अस्तपाल में प्रतिदिन ओपीडी के लिए लगभग 200 से 250 मरीज आते हैं, लेकिन विशेषज्ञ डाॅक्टर न होने की वजह से कई मरीजों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है। वहीं डा. कुलदीप से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह इस समय अकेले चिकित्सक हैं जो अस्पताल को संभाले हैं। इसमें कोई संदेह नहीं यदि कोई मरीज अस्पताल में आए तो अस्पताल खाली मिले। उन्होंने बताया कि इन सभी समस्याओं बारे आलाधिकारियों को लिख चुके हैं।