जींंद (हप्र) : हांसी रोड पर पैदल जा रहे सिविल अस्पताल में सफाई कर्मचारी और उसके साले के लड़के को वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे में सफाई कर्मचारी की मौत हो गई। जबकि गंभीर रूप से घायल युवक को पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया है। पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज किया है। कालवा निवासी सुरेंद्र ने बताया कि उसका छोटा भाई बिजेंद्र कई वर्षों से हांसी रोड स्थित राजेंद्र नगर में रहता था। वह सिविल अस्पताल में ठेकेदारी पर सफाई कर्मचारी था। वह दिन में अस्पताल में नौकरी करता था। ड्यूटी के बाद वह हांसी रोड पर शराब का खुर्दा चलाता था। वहां पर उसने अपने साले का लड़का झांझ निवासी सचिन को भी अपने पास ही रखा था। सोमवार देर रात को वह हांसी रोड स्थित शराब के खुर्दे से रात को लगभग 10 बजे पैदल ही वापस आ रहे थे। बिजली घर के सामने किसी वाहन ने टक्कर मार दी। इस हादसे में उसके भाई की मौत हो गई, जबकि सचिन भी गंभीर रूप से घायल हो गया। डॉक्टरों ने उसे पीजीआई रैफर कर दिया। सिटी थाना प्रभारी रोहताश ढुल ने बताया कि अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज किया है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।