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राजयोग कोर्स में शहरवासियों ने दिखाई रुचि, सैकड़ों ने सीखा ध्यान का गूढ़ रहस्य

पानीपत, 18 फरवरी (वाप्र) द्वादश ज्योतिर्लिंग आध्यात्मिक मेला के छठे दिन का मुख्य आकर्षण राजयोग ध्यान कोर्स रहा, जिसे विशेष रूप से डॉ. दामिनी, अहमदाबाद द्वारा कराया गया। सैकड़ों शहरवासियों ने इसमें गहरी रुचि दिखाई और ध्यान की इस दिव्य...

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पानीपत, 18 फरवरी (वाप्र)

द्वादश ज्योतिर्लिंग आध्यात्मिक मेला के छठे दिन का मुख्य आकर्षण राजयोग ध्यान कोर्स रहा, जिसे विशेष रूप से डॉ. दामिनी, अहमदाबाद द्वारा कराया गया। सैकड़ों शहरवासियों ने इसमें गहरी रुचि दिखाई और ध्यान की इस दिव्य विधि को सीखने के लिए विशेष उत्साह दिखाया। इस विशेष अवसर पर कोलंबिया से आईं जूलियाना भी मेले में उपस्थित रहीं।

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राजयोग ध्यान के इस कोर्स में सभी को सिखाया गया कि कैसे मन को शुद्ध और शक्तिशाली बनाया जाए, कैसे नकारात्मकता को समाप्त कर आत्मिक बल बढ़ाया जाए और जीवन में वास्तविक शांति और आनंद प्राप्त किया जाए। राजयोग का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व समझाया गया। ध्यान में बैठने की विधि, मन को एकाग्र करने की तकनीक सिखाई गई। प्रतिदिन की चिंताओं और तनाव को समाप्त करने के व्यावहारिक उपाय बताए गए। शांति और आंतरिक ऊर्जा का अनुभव कराया गया।

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डॉ. दामिनी, अहमदाबाद ने कहा राजयोग केवल एक साधना नहीं, बल्कि आत्मा की ऊर्जा को पुनः जागृत करने की दिव्य प्रक्रिया है। जब हम ईश्वर से सही विधि से जुड़ते हैं, तो हमारे जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन आने लगते हैं। इस राजयोग के अभ्यास से न केवल मानसिक तनाव समाप्त होता है, बल्कि हमारा संपूर्ण व्यक्तित्व ऊर्जावान और सकारात्मक बन जाता है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति प्रतिदिन सुबह और शाम कुछ समय राजयोग साधना में लगाएगा, वह अपने जीवन में स्थायी रूप से शांति, सुख और आत्मिक बल प्राप्त कर सकता है।

आज होगा राजयोग का अंतिम सत्र

सेक्टर 12 स्थित ओम शांति भवन की संचालिका सुनीता न ने जानकारी दी कि 19 फरवरी को इस मेले में राजयोग कोर्स का अंतिम दिन होगा। इस मौके पर कोलंबिया देश से विशेष रूप से मेले का अवलोकन करने आईं जूलियाना भी उपस्थित रहीं। उन्होंने मेले की भव्यता की सराहना की और राजयोग ध्यान को विश्व शांति का सबसे प्रभावी माध्यम बताया।

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