पानीपत (ट्रिन्यू) : करीब दो साल पहले एलएनटी कंपनी के मैनेजर को अगवा कर मारपीट करने, कंपनी में गाड़ी लगवाने और एक लाख रुपये महीना रंगदारी मांगने के मामले में सीबाईए-तीन की टीम जेल से दो आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई है। इस मामले में अब तक गिरोह के सरगना सहित 39 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीआईए-तीन प्रभारी इंस्पेक्टर अंकित ने बताया कि जुलाई 2020 में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड(आईओसीएल)में कंस्ट्रक्शन का काम कर रही एलएनटी कंपनी के आरसीएम मैनेजर अबूताहिर का अपहरण कर मारपीट की गई थी और कंपनी में गाड़ी लगवाने व एक लाख रुपये प्रति माह रंगदारी मांगी गई थी। अबूताहिर की शिकायत पर मतलौडा थाना में नामजद व अन्य आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। पुलिस इस मामले में वांछित करनाल जेल में बंद अंकित निवासी गुहणा व सुनारियां जेल में बंद अमित उर्फ नीटू निवासी भैंसवाल को जेल से प्रोडक्शन वारंट लाई है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।