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तीन सांसदों के बावजूद बांगर का विकास नहीं करवा पाये चौधरी

हरियाणा का अकेला जींद ऐसा जिला, जिसकी विधानसभा सीटें तीन संसदीय क्षेत्रों में

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बीरेंद्र सिंह, रमेश कौशिक, सुनीता दुग्गल, बृजेंद्र सिंह
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जसमेर मलिक/हप्र

जींद, 21 दिसंबर

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हरियाणा के पुराने जिलों में शुमार जींद अब तक विकसित जिलों की कैटेगरी में जगह नहीं बना पाया है। विकास के मामले में आज भी निचले पायदान पर चल रहे इस जिले का ‘बांगर के चौधरी’ भी उद्धार नहीं कर सके। जींद, प्रदेश का अकेला ऐसा जिला है, जिसके पास तीन-तीन लोकसभा सांसद हैं। पांच विधानसभा हलकों वाले इस जिले को इस तरह से विभाजित किया हुआ है कि तीन हलके सफीदों, जुलाना और जींद सोनीपत संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। जुलाना, हिसार और नरवाना हलका सिरसा संसदीय सीट के अधीन आता है।

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हालांकि, सांसदों की ओर से उनकी निधि के तहत यहां विकास कार्यों के लिए फंड दिया जाता रहा है, लेकिन विकास की जो रफ्तार इस जिले को मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिल पाई। जींद को हरियाणा की राजनीति का केंद्र माना जाता है। अधिकांश राजनीतिक दल अपने बड़े आयोजनों के लिए जींद को ही प्लेटफार्म बनाते हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद इस ओर उतना ध्यान नहीं दिया जाता, जितने की उम्मीद जींद करता है। जींद के बारे में एक विड़ंबना यह भी है कि कम ही अवसर हैं, जब जींद सत्ता के साथ चला हो।

वर्तमान में भी इस जिले के पांच विधानसभा हलकों में से केवल जींद शहर से भाजपा के डॉ. कृष्ण मिढ्ढा विधायक हैं। उचाना में जजपा टिकट पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, जुलाना से जजपा के अमरजीत सिंह ढांडा और नरवाना से जजपा के ही रामनिवास सुरजोखड़ा विधायक हैं। सफीदों में कांग्रेस के सुभाष गंगौली विधायक हैं। बेशक, 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक हालात ऐसे बने कि जींद सत्ता में भागीदार बना। जजपा के दस विधायकों के सहयोग से भाजपा ने सरकार का गठन किया।

दुष्यंत चौटाला पिछले चार साल से भी अधिक समय से सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। केंद्र में मंत्री रहे चौ. बीरेंद्र सिंह हरियाणा में वित्त मंत्रालय संभाल चुके हैं। बीरेंद्र सिंह को ‘बांगर’ का सबसे बड़ा ‘चौधरी’ माना जाता है, लेकिन वे भी अपने कार्यकाल में जिले को कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं दिलवा सके। वर्तमान में हिसार सांसद बृजेंद्र सिंह भी मूल रूप से जींद जिले के रहने वाले हैं। चौ. बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह से जिले को बड़ी उम्मीदें थीं। उन्हें लगता था कि बीरेंद्र सिंह की तरह ही बृजेंद्र सिंह को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।

बहरहाल, अगर सांसद निधि की बात करें तो जींद में सबसे अधिक पैसा खर्च करने में चौ. बीरेंद्र सिंह पहले नंबर पर रहे हैं। वे राज्यसभा सांसद रहते हुए केंद्र में मंत्री रहे। ग्रांट जारी करने में दूसरे पायदान पर सोनीपत सांसद रमेश चंद्र कौशिक शामिल हैं। बीरेंद्र सिंह ने जींद जिला में 472 विकास कार्यों के लिए 26 करोड़ रुपये की राशि जारी की। इसी तरह सोनीपत सांसद रमेश कौशिक विकास कार्यों के लिए 17 करोड़ रुपये की राशि जारी कर चुके हैं।

बृजेंद्र सिंह व सुनीता दुग्गल ने दिए 2-2 करोड़

हिसार से सांसद बृजेंद्र सिंह ने सांसद कोष से जींद में विकास की 56 परियोजनाओं के लिए दो करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसी तरह सिरसा सांसद सुनीता दुग्गल ने 53 विकास कार्यों के लिए दो करोड़ रुपये की राशि दी है। लोकसभा सांसदों के लिए शर्त है कि वह अपने कोष का इस्तेमाल संसदीय क्षेत्र से बाहर नहीं कर सकते।

राज्यसभा सदस्यों ने भी दिया फंड

राज्यसभा सांसद प्रदेश में कहीं भी फंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद डीपी वत्स ने जींद में 27 विकास कार्यों के लिए सवा करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जारी की है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने 5 विकास कार्यों के लिए 38 लाख रुपये की राशि जींद जिले में दी है। भाजपा के एक और राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने जींद जिले में 10 विकास कार्यों के लिए 1.4 करोड़ रुपये की राशि दी है। पूर्व राज्यसभा सांसद सुरेश प्रभु ने जींद जिले को 25 लाख रुपये की राशि विकास कार्यों के लिए दी तो पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा ने 5 लाख की राशि दी। आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता ने 4 विकास कार्यों के दिए 45 लाख रुपये दिए हैं।

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