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हरियाणा कैबिनेट में बदलाव संभव, गठबंधन पर भी मंथन

चुनावी रणनीति को लेकर प्रदेश भाजपा में हलचल सीएम आवास पर देर सायं जुटे संघ और पार्टी के नेता

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दिनेश भारद्वाज

हरियाणा भाजपा ने अगले लोकसभा व विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। तीन राज्यों– मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में मिले प्रचंड बहुमत के बाद भाजपा राज्य में जजपा के साथ चल रहे गठबंधन को लेकर नये सिरे से मंथन पर लौट आई है। जजपा के राजस्थान में शर्मनाक प्रदर्शन के बाद हरियाणा में राजनीतिक रिश्तों पर असर पड़ सकता है। बेशक गठबंधन को लेकर निर्णायक फैसला केंद्र के स्तर पर होना है, लेकिन हरियाणा यूनिट की रिपोर्ट भी काफी अहम है। भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब कुमार देब पहले भी सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर चुके हैं और नेतृत्व को फीडबैक दे चुके हैं।

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अब तीन राज्यों में प्रचंड जीत के बाद नये सिरे से बैठकों का दौर शुरू हुआ है। इस कड़ी में मंगलवार की देर सायं सीएम मनोहर लाल की मौजूदगी में उनकी कोठी पर भाजपा और संघ नेताओं की अहम बैठक हुई। सीएम की कोठी नंबर-2 में हुई बैठक में प्रदेश प्रभारी बिप्लब कुमार देब, प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़, आरएसएस के प्रांत संघ चालक पवन जिंदल, आरएसएस के प्रांत प्रचारक विजय कुमार और प्रदेश संगठन मंत्री फणींद्रनाथ शर्मा सहित 16 नेता मौजूद रहे। बुधवार से सीएम भी मंडल व जिलाध्यक्षों के साथ बैठकें शुरू कर रहे हैं। करीब 85 नेताओं को चंडीगढ़ बुलाया गया है। माना जा रहा है कि हरियाणा भाजपा लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव करवाने के भी मूड में है। अगर केंद्र की ओर से हरी झंडी मिल गई तो फरवरी-मार्च में प्रदेश सरकार अपना बजट पेश करने के बाद विधानसभा को भंग करने जैसा फैसला भी उठा सकती है।

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सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में मंत्रिमंडल में बदलाव के अलावा संगठन विस्तार को लेकर भी मंथन हुआ है। आठ जिलाध्यक्षों का कार्यकाल पूरा हो चुका है। नायब सिंह सैनी के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद से ही संगठन में बदलाव की अटकलें हैं। बहुत संभव है कि वह अगले कुछ दिनों में इस मुद्दे को लेकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भी मुलाकात करें। संगठन का गठन आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर किया जाएगा।

मंत्रियों के विभागों में हो सकता है बदलाव

सरकार से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि आगामी दिनों में कैबिनेट में थोड़ा बहुत बदलाव हो सकता है। मौजूदा मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल संभव है। इस तरह की भी खबरें हैं कि जजपा के कोटे के विभागों पर कैंची चल सकती है। इससे दोनों पार्टियों के बीच विवाद भी पैदा हो सकता है। बहुत संभव है कि दोनों के अलग होने में यह संभावित विवाद ही बड़ी भूमिका निभाए। वर्तमान में आबकारी एवं कराधान, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, विकास एवं पंचायत, खाद्य एवं आपूर्ति, उद्योग एवं वाणिज्य, श्रम, नागरिक उड्डयन सहित कई अहम विभाग जजपा के पास हैं।

निर्दलीय हैं सरकार के साथ बेशक, भाजपा के पास पूर्ण बहुमत नहीं है लेकिन निर्दलीय विधायक उसके साथ हैं। सात निर्दलीयों में से महम के विधायक बलराज कुंडू को छोड़कर छह शुरू से ही भाजपा के साथ हैं। नब्बे सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 41 विधायक हैं। जजपा के दस विधायकों का समर्थन सरकार के साथ है। अगर अलग होने की बात आती है तो छह निर्दलीयों की मदद से भी सरकार चलती रह सकती है। सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा भी सरकार को समर्थन कर रहे हैं।

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