अम्बाला शहर, 30 नवंबर (हप्र)
पूर्व विधायक एवं सदस्य अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी जसबीर मलौर ने कहा कि केन्द्र सरकार अहंकार छोड़ किसानों की मांगें माने। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार जबरदस्ती के कानून किसानों पर थोपे गए। सरकार किसानों की मांगें मानने की बजाय आंदोलन फेल करने के हथकंडे अपना रही है, किसानों में फूट डालने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान विरोधी कानून लाने वाले प्रधानमन्त्री नरेद्र मोदी देश के किसानों सहित हर वर्ग का शोषण करके पूंजीपतियों का पोषण करने में जुटे हैं। प्रधानमन्त्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में देश के आंदोलनरत किसानों का अपमान करते हुए कृषि विरोधी कानून को सही ठहरा दिया। मलौर ने कहा कि आज देश के लाखों किसान अपनी मांगें मनवाने के लिए दिल्ली कूच कर गए हैं। इतने बड़े आंदोलन के प्रति सरकार की ऐसी अनदेखी हैरान और अपमान करने वाली है। किसानों के पूरा आंदोलन शातिपूर्ण रहा है लेकिन सरकार ने दमन की नीति अपनाते हुए आंदोलन को फेल करने के लिए सारे हथकंडे अपनाए। सरकार का काम जाम लगाना नहीं जाम खुलवाना है। देश के गृहमन्त्री अमित शाह द्वारा किसानों से बातचीत के लिए जो शर्त रखी है उससे साफ प्रतीत होता है कि केन्द्र सरकार की नीति में खोट है। मलौर ने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी किसानों के इस सघंर्ष में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।