भिवानी, 7 फरवरी (हप्र)
अपनी मांगोंं के समर्थन में सीटू कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। इससे पहले मजदूरों ने कृषिमंत्री जेपी दलाल के निवास पर बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता भिवानी सीटू के प्रधान राममेहर सिंह, झज्जर की प्रधान सरोज दुजाना, रोहतक की प्रधान कमलेश लाहली, दादरी के सह संयोजक सुमेर सिंह, महेंद्रगढ़ संयोजक रोहताश गोठवाल ने सयुंक्त रूप से की।
सभा व प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू की राष्ट्रीय सचिव एआर सिंधू, सीटू राज्य कोषाध्यक्ष विनोद कुमार व सीटू उपाध्यक्ष सतबीर सिंह ने कहा कि दमन और उत्पीड़न का जो रास्ता केंद्र व राज्य सरकार ने अपनाया है वह स्वीकार नहीं होगा। सरकार रोजगार बढ़ाने व न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करने का फैसला ले। न्यूनतम वेतन 24000 किया जाए। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मील, क्रेच वर्कर्स, ग्रामीण सफाई कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों, वन मजदूरों, मनरेगा, भट्टा, मजदूरों व निर्माण मजदूरों की मांगो का समाधान नहीं हो रहा है, इस पर सरकार तुरन्त कदम उठाए। सीटू नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार किसान आंदोलन को कुचलने के लिए बेहद घटिया तरीके अपना रही है हम इसकी निंदा करते हैं।
आज के प्रदर्शन को सीटू राज्य कमेटी सदस्य विनोद देशवाल, किरण, कमलेश, सन्तोष जाखणी, लाल झंडा भट्ठा मजदूर यूनियन हरियाणा के प्रधान रोहताश आदि ने सम्बोधित किया तथा सर्व कर्मचारी संघ जिला प्रधान सुखदर्शन व छात्र नेता विनोद गिल ने आंदोलन का समर्थन किया। कृषि मंत्री के पीए को मांगपत्र देते हुए कहा कि जल्द मांगों का निपटारा किया जाए।
ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने मंत्री को सौंपा ज्ञापन
नारनौल (हप्र) : ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाण की बैठक स्थानीय चितवन वाटिका में आयोजित की गई। बैठक के बाद ग्रामीण सफाई कर्मचारी प्रदर्शन करते हुए मंत्री ओमप्रकाश यादव के निवास पहुंचे व मांगों से संबंधित एक ज्ञापन उनको सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए, तब तक न्यूनतम वेतन 28000 रुपए लागू किया जाए, हर माह की 7 तारीख को वेतन दिया जाए, भविष्य निधि और पेंशन लागू किया जाए आदि। मंत्री ने उनकी मांगों पर उचित निर्णय करवाने का आश्वासन दिया। प्रदर्शन में प्रधान जुगेश कुमार, खजांची महेंद्र सिंह, सचिव कृष्ण कुमार, प्रेस सचिव नाजुराम, अटेली खण्ड प्रधान नरेश कुमार, निजामपुर से घनश्याम, नरेंद्र कुमार, महेंद्रगढ से पवन कुमार, लालचंद, हरिराम, अरविंद, अशोक कुमार, मायादेबी, सुमित्रा देवी, कमलेश, राजेंद्र सिंह, ओमप्रकाश, सत्यवीर आदि कर्मचारी उपस्थित थे।
सरकार द्वारा मांगे विवरण की तिथि खत्म, पीटीआई में जगी आस
भिवानी (हप्र) : अपनी बहाली की मांग कर रहे शारीरिक शिक्षकों को अब नौकरी की आस जगी है। सरकार द्वारा पोर्टल पर मांगे गए विवरण की तिथि भी अब समाप्त हो चुकी है। वे पिछले काफी लम्बे समय से धरनारत हैं। आज के धरने की अध्यक्षता हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा ने की, जबकि मंच संचालन बिजेंद्र सिंह चौहान ने किया। जिला प्रधान ने कहा कि सरकार द्वारा मांगी गई सभी जानकारियों को उन्होंने पूरा किया है। अब सरकार भी उनकी बहाली जल्द से जल्द करे ताकि वे अपने आश्रितों व बच्चों के भविष्य को सुधार सके। पूर्व राज्य प्रधान राजेश ढांडा, महासचिव विनोद पिंकू, संदीप सांगवान, राजेश लाम्बा ने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार उनके धैर्य की परीक्षा ले रही है। इससे पहले उन्होंने पोर्टल पर जो जानकारी मांगी थी कि तिथि 1 फरवरी निर्धारित की थी इसके बाद उन्होंने उस तिथि को बढ़ाते हुए 6 फरवरी किया। अब सरकार पीटीआई को बहाल कर उन्हें शिक्षा विभाग में खेल स्कूल सहायक के पद नियुक्ति प्रदान करे। रविवार को क्रमिक अनशन पर सतीश यादव प्रहलादगढ़, अनिल तंवर, सुरेंद्र सिंह खरक, विनोद सांगा को पदाधिकारियों ने फूल माला पहनाकर बैठाया।
हेमसा 10 को शिक्षामंत्री को भेजेगा ज्ञापन
भिवानी (हप्र) : हरियाणा एजुकेशन मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन सम्बद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा राज्य कमेटी के आह्वान पर आगामी 10 फरवरी को ब्लॉक से राज्य स्तर तक पदाधिकारी शिक्षा सदन पंचकूला पहुंचकर निदेशक की मार्फत शिक्षामंत्री को ज्ञापन भेजेंगे। जिला कमेटी की ओर से सुकेश कुमार, सहदेव सिंह, कमलचंद्र सरोहा व राज्य सचिव राजेश लाम्बा द्वारा साझा ब्यान जारी कर बताया गया कि शिक्षा सदन में विराजमान आला अधिकारी मिनिस्ट्रीयल स्टाफ फील्ड कर्मचारियों की सुनवाई नहीं कर रहे हैं। विभाग द्वारा संगठन के सुझावों की अनदेखी कर ऑनलाईन ट्रांसफर पॉलिसी लिपिकों पर थोंप दी। मिडल स्कूलों की एकमात्र पोस्ट को केप्ट कर देने से सैकड़ों कर्मियों को एनिवेयर में 300-350 किलोमीटर दूर दराज स्थानांतरित कर दिया। पोस्ट केप्ट कर देने से कर्मियों व विभाग की परेशानियां बढ़ी हैं। शिक्षा विभाग के मनमानी के चलते एक विद्यालय में 2-2 लिपिक काम करने पर मजबूर हैं। कुछ कर्मचारियों को गत पांच माह से वेतन ही नहीं मिला। वरिष्ठता सूची अपडेट नहीं की। खाली पदों पर पदोन्नतियां लम्बित हैं।