भिवानी, 3 सितंबर (हप्र)
ईवीएम को बैन करने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने लघु सचिवालय पहुंचकर उपायुक्त के माध्यम से मुख्य चुनाव आयुक्त को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में मोर्चा संयोजक दलीप सिंह सांगवान ने बताया कि ईवीएम में वोट डालना व अंधेरे में तीर चलना दोना बराबर हैं। मोर्चा द्वारा लंबे समय से ईवीएम बैन करवाने को लेकर आंदोलन चलाया जा रहा है। इस दौरान प्राप्त मतदाताओं कि प्रतिक्रियाओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने बताया कि संविधान मतदान के दौरान किसी बाहरी शक्ति, जो मत को प्रभावित कर सकती है, के दखल की इजाजत नहीं देता। ईवीएम में बटन दबाना मतदान नहीं, बल्कि अपने मत को मशीन के हवाले करना है। दुनिया में कोई भी ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं बना जिसके साथ हैकिंग या अन्य छेड़छाड़ न की जा सके।
वीवीपैट स्वतंत्र यूनिट है जो यह बताती है की मतदाता ने कौन सा बटन दबाया है। वीवीपैट यह पुख्ता नहीं करती कि ईवीएम ने वोट किसको दिया है। मतदाता को दिखाने के लिए वीवीपैट का उपयोग होता है तो मतों की गिनती ईवीएम से क्यों की जाती है। वोट लोकतंत्र का आधार है। इसे मशीन के हवाले नहीं किया जा सकता। सिर्फ बैलट पेपर से डाला गया वोट पुख्ता वोट है। बैलट पेपर में कोई गड़बड़ होगी तो सबको दिखाई देगी जबकि ईवीएम की गड़बड़ न तो दिखाई देती है व न कोई सबूत छोडती है।
इस अवसर पर मोर्चा प्रतिनिधि महेंद्र सिंह श्योराण, हरपाल झोझु, नरेंद्र चहल, निहाल सिंह गोयत व महावीर सिंह घणघस उपस्थित रहे।