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मंत्रिमंडल ने अभियोजन सेवा नियमों में संशोधन को दी मंजूरी

बीएनएसएस-2023 के अनुरूप होगा विभाग का नया ढांचा
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कैबिनेट बैठक में हरियाणा राज्य अभियोजन विभाग विधिक सेवा (समूह-ए) नियम 2013 में महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी गई। ये संशोधन भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस)-2023 के प्रावधानों के अनुरूप एक आधुनिक, समर्थ और कानूनी रूप से सुदृढ़ अभियोजन संवर्ग के गठन का रास्ता तैयार करेंगे।

नए आपराधिक कानूनों में राज्य और जिला स्तर पर लोक अभियोजकों तथा अभियोजन निदेशालय की कार्यप्रणाली से जुड़े कई नए प्रावधान शामिल किए हैं। इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हरियाणा सरकार पहले ही विभाग में 48 नए पदों को स्वीकृति दे चुकी है, जिनमें 24 उप-निदेशक और 24 सहायक निदेशक के पद शामिल हैं। बीएनएसएस-2023 की धारा 20 के तहत निदेशालय की स्थापना और संचालन के लिए ये पद अनिवार्य माने गए हैं।

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कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए संशोधन इन पदों की भर्ती प्रक्रिया, पात्रता मानदंड और जरूरी अनुभव को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हैं। इससे विभाग में उच्च गुणवत्ता वाले विशेषज्ञों की नियुक्ति सुनिश्चित होगी और अभियोजन संरचना अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकेगी। सरकार का मानना है कि इन बदलावों से राज्य की आपराधिक न्याय प्रणाली को गति और मजबूती मिलेगी।

नया ढांचा न केवल बीएनएसएस-2023 के अनुरूप होगा बल्कि मामलों की अभियोजन प्रक्रिया को भी अधिक पारदर्शी, कुशल और समयबद्ध बनाने में सहायक सिद्ध होगा। संशोधित नियम लागू होने के बाद हरियाणा अभियोजन विभाग एक अधिक संगठित, तकनीकी रूप से सक्षम और पूर्णतः अनुपालनीय व्यवस्था के साथ कार्य करेगा, जिससे आपराधिक मामलों में न्याय वितरण प्रणाली की गुणवत्ता और दक्षता में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है।

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