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आढ़तियों ने किया अडानी साइलो में गेहूं नहीं डालने का ऐलान

नहीं सुलझ रहा ढांड मंडी के आढ़तियों की आढ़त का मसला

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कैथल के ढांड में रविवार को मीटिंग में भाग लेते आढ़ती। -हप्र
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कैथल, 28 जनवरी (हप्र)

एफसीआई द्वारा ढांड मंडी के आढ़तियों की आढ़त नहीं दिए जाने का मुद्दा लगातार गर्माता जा रहा है। आढ़ती प्रशासन को कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। मंडी के प्रधान सलिंद्र शर्मा के प्रतिष्ठान पर आढ़तियों ने मीटिंग कर आगे की रणनीति पर विचार किया। सलिंद्र शर्मा ने बताया कि आगामी गेहूं सीजन 2024-25 के लिए सोलूमाजरा स्थित अडानी साइलो में गेहूं नहीं दिए जाने का आढ़ती एकमत होकर ऐलान कर चुके हैं। मंडी के समस्त आढ़ती इस बात पर अडिग हैं कि आगामी सीजन में किसानों की गेहूं मंडी में ही डलवाएंगे और तुलाई के लिए सरकार से बारदाने की मांग करेंगे। इसके लिए मंडी एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पारित कर डीसी को मांग पत्र भी सौंप चुके हैं।

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प्रधान ने कहा कि आढ़तियों का कारोबार आढ़त के मार्फत ही चलता है, लेकिन अप्रैल, 2023 में एफसीआई ने आढ़तियों के मार्फत गेहूं अदानी साइलो में गेहूं की खरीद कर उनकी आढ़त नहीं देकर बहुत बड़ा धोखा किया है। प्रधान ने कहा कि आढ़त हमारा अधिकार है, उसे हर हालत में लेकर रहेंगे। जब तक एफसीआई मंंडी की आढ़त का भुगतान नहीं करती तब तक उसका बहिष्कार जारी रहेगा।

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यह है पूरा मामला

अप्रैल, 2023 में एफसीआई ने ढांड मंडी के आढ़तियों के मार्फत गेहूं की खरीद की थी। खरीद करने के बाद आज तक आढ़त का भुगतान नहीं किया है जबकि खरीद करते समय आढ़तियों द्वारा आई फार्म जनरेट करने पर सरकार द्वारा पोर्टल पर 46 रुपए 88 पैसे आढ़त दर्शाई गई थी। अगर आढ़त आधी ही देनी थी तो उस समय आढ़तियों को इस बारे जानकारी देनी चाहिए थी। आढ़त पाने के लिए आढ़तियों ने सांसद नायब सैनी से गुहार लगाई थी। इसके बाद एफसीआई ने आधी आढ़त का भुगतान कर दिया और आधी अभी भी बाकी है, जिसके लिए आढ़ती संघर्ष कर रहे हैं।

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