चंडीगढ़, 22 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा के शहरों में अभी तक बेकार पड़ी उन जमीनों की कीमत बढ़ेगी, जिन पर किसी तरह की संपर्क सड़क नहीं है। ऐसी जमीनों को रास्ते देने के लिए शहरी स्थानीय निकायों–नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका जमीन उपलब्ध कराएगी। यह जमीन मार्केट रेट पर मिलेगी। खट्टर मंत्रिमंडल ने इसके लिए ‘पॉलिसी फॉर ट्रांसफर ऑफ म्युनिसिपल लैंड बाई चार्जिंग कंसीडरेशन’ की नई नीति को मंजूरी दी है। नीति के तहत नगर निकायों में नगर निकाय या निजी स्वामित्व वाली ऐसी भूमि जहां तक पहुंचने के लिए उचित मार्ग उपलब्ध नहीं है या जहां नगर निकाय की भूमि निजी व्यक्तियों की भूमि से घिरी है, को बेचना संभव हो सकेगा। नीति सरकार द्वारा अधिसूचित किए जाने की तिथि से लागू होगी। नीति उन संपत्तियों/व्यक्तियों की श्रेणियों पर लागू होगी, जहां निजी व्यक्तियों या संस्थाओं के स्वामित्व वाली भूमि के लिए कोई संपर्क सड़क उपलब्ध नहीं है। नीति में स्पष्ट किया गया है कि जिन जमीनों के लिए संपर्क सड़क नहीं है, उन तक मार्केट रेट के हिसाब से निकायों द्वारा संपर्क सड़क के लिए जमीन मुहैया कराई जाएगी। अगर किसी व्यक्ति या संस्था ने 30 वर्ष या इससे अधिक की अवधि के लिए पट्टे पर जमीन ली हुई है तो उन्हें भी नीति का लाभ मिलेगा। बशर्ते कि इस तरह के हस्तांतरण को अधिकार नहीं माना जा सकता और हस्तांतरण सहित सभी पहलुओं पर सरकार द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम होगा।