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भाजपा की केंद्रीय समिति अब कल लेगी टिकटों पर निर्णय

पीएम मोदी के दिल्ली में नहीं होने की वजह से टली बैठक, हरियाणा पर भी अगली बैठक में मंथन
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 8 मार्च

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भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की शुक्रवार को नई दिल्ली में होने वाली बैठक टल गई, अब यह बैठक 10 मार्च को होगी। बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नई दिल्ली से बाहर होने की वजह से बैठक स्थगित की गई। इसी बैठक में हरियाणा में लोकसभा की दस सीटों पर मंथन किया जाएगा। माना जा रहा है कि इसी बैठक में पार्टी क्षेत्रीय व जातिगत समीकरणों को साधते हुए प्रत्याशियों को लेकर निर्णय करेगी।

दिल्ली में पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि समीकरण पूरी तरह से उलझे हुए हैं। इनसे पार पाना ही पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने रोहतक व सोनीपत में ब्राह्मण, भिवानी-महेंद्रगढ़ व हिसार में जाट, करनाल में पंजाबी कोटे से टिकट दी थी। वहीं पिछड़ा वर्ग को तीन जगहों – कुरुक्षेत्र में नायब सैनी, फरीदाबाद में कृष्ण पाल गुर्जर और गुरुग्राम में राव इंद्रजीत सिंह को टिकट दिया था।

इस बार भी भाजपा दो सीटों पर जाट और तीन पर पिछड़ा वर्ग के नेताओं को चुनावी रण में उतारने पर मंथन कर रही है। हालांकि जिस तरह से लोकसभा क्षेत्रवार संभावित प्रत्याशियों के नामों की चर्चा चल रही है, उसे देखते हुए पिछड़ा वर्ग के चार उम्मीदवार भी हो सकते हैं। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन होने की वजह से भाजपा में अंदरखाने एक सीट पर वैश्य कोटे से टिकट देने की भी चर्चाएं हैं। ऐसे में इस बार दो ब्राह्मणों की जगह एक को ही टिकट से संतोष करना पड़ सकता है।

बहरहाल, अब सभी की नजरें 10 मार्च को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक पर टिकी हैं। इस बैठक में हरियाणा पर मंथन होने के बाद पार्टी की दूसरी सूची में हरियाणा की भी पांच से छह सीटों के उम्मीदवार घोषित किए जा सकते हैं। पिछले दिनों नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी दस सीटों को लेकर फीडबैक दिया था। इस बैठक में और भी कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

सूत्रों का कहना है कि इसी बैठक में सभी सीटों के संभावित नेताओं के नामों पर भी चर्चा हुई। बड़ी बात यह है कि इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को एकाएक बुलाया गया था। धनखड़ का बैठक में बुलाया जाना इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि भिवानी-महेंद्रगढ़ से मौजूदा सांसद धर्मबीर सिंह के साथ उनका नाम भी संभावित प्रत्याशियों के तौर पर लिया जा रहा है। इस सीट पर धनखड़ या धर्मबीर सिंह में से किसी एक के आने पर रोहतक और हिसार सीट के समीकरण तय होंगे।

भिवानी-महेंद्रगढ़ में भाजपा अगर जाट प्रत्याशी मैदान में उतारती है तो फिर हिसार या रोहतक में से भी किसी एक सीट पर ही जाट को टिकट दिया जाएगा। वर्तमान में हिसार से पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु काफी मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। इतना जरूर है, अगर भाजपा नेतृत्व ने रोहतक से जाट प्रत्याशी उतारने का मन बनाया तो कैप्टन अभिमन्यु की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि रोहतक से गैर-जाट उम्मीदवार के मैदान में आने पर कैप्टन की राहें काफी आसान हो जाएंगी।

केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत को लिया जाएगा भरोसे में

भाजपा से जुड़े सूत्रों का साफ तौर पर कहना है कि भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर प्रत्याशी का फैसला करने से पहले पार्टी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को भरोसे में लेगी। यानी इस सीट पर प्रत्याशी चयन में राव इंद्रजीत सिंह की पसंद-नापसंद काफी अहम होगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि भिवानी-महेंद्रगढ़ के अंतर्गत आने वाले चार हलकों – महेंद्रगढ़, नारनौल, नांगल-चौधरी और अटेली में उनका (राव इंद्रजीत) का सबसे अधिक प्रभाव माना जाता है। इतना ही नहीं, बाढ़डा हलके के अहीर वोटरों पर भी इंद्रजीत सिंह की पकड़ है।

तो बिगड़ सकते हैं नायब सैनी के लिए समीकरण

राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से भाजपा ने अगर हिसार या रोहतक पार्लियामेंट से किसी एक जगह पर भी पिछड़ा वर्ग के नेता को टिकट दिया तो कुरुक्षेत्र के मौजूदा सांसद और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी के लिए समीकरण बिगड़ सकते हैं। ऐसे में कुरुक्षेत्र से सैनी की बजाय किसी वैश्य को चुनावी रण में उतारने पर पार्टी का जोर रह सकता है।

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