बीरेंद्र सिंह मौकापरस्त, शरद पवार फ्रस्ट्रेशन का शिकार : असीम
परिवहन मंत्री ने विपक्ष के दोनों नेताओं पर साधा निशाना
अम्बाला शहर, 29 जुलाई (हप्र)
परिवहन, महिला एवं बाल विकास मंत्री असीम गोयल ने कांग्रेस नेता बीरेंद्र सिंह को मौकापरस्त नेता और एनसीपी के पूर्व प्रमुख शरद पवार को फ्रस्ट्रेशन का शिकार नेता बताया। वहीं कांग्रेस को कुछ गुटों की राजनीतिक दुकान बताते हुए कहा कि इनकी समाज के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है, सब नेता अपनी-अपनी राजनीतिक दुकान खोले हुए हैं। आज अम्बाला शहर में अपने निवास पर बात करते हुए परिवहन मंत्री ने विपक्ष के दोनों नेताओं द्वारा भाजपा को लेकर दिए बयानों को लेकर उनको जमकर निशाने पर लिया। भाजपा छोड़ कांग्रेस में वापसी करने वाले हरियाणा के दिग्गज नेता बीरेंद्र सिंह द्वारा भाजपा को जाति और धर्म की पार्टी बताए जाने पर वे परिवहन मंत्री असीम गोयल के निशाने पर आ गए। मंत्री ने मजाकिया अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा कि जिसको कांग्रेस ने ट्रेजडी किंग बनाकर रखा, उनको भाजपा ने केंद्रीय मंत्री बनाया, उनकी पत्नी को विधायक बनाया और उनके बेटे को सांसद बनाया। तब उनको भाजपा जाति और धर्म के पार्टी नहीं नजर आती थी। जब भाजपा ने कहा कि परिवारवाद के नाते इतने लोगों को एक साथ पार्टी में आगे नहीं बढ़ा सकते तब उनको भाजपा जाति और धर्म की पार्टी दिखाई देने लग गई। मंत्री असीम गोयल ने कहा कि बीरेंद्र सिंह एक मौकापरस्त नेता हैं।
हाल ही में महाराष्ट्र के प्रमुख नेता शरद पवार ने भाजपा नेता और देश के गृह मंत्री अमित शाह पर कथित रूप से टिप्पण की कि जिसे कोर्ट ने तड़ीपार किया वो देश के गृहमंत्री हैं। परिवहन मंत्री असीम गोयल ने शरद पवार पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी यह शब्दावली साबित करती है कि यह उनके सत्ता में न आने की फ्रस्ट्रेशन है। हाल ही में अम्बाला में कुमारी सैलजा के नेतृत्व में कांग्रेस संदेश यात्रा के आयोजन को लेकर असीम गोयल ने कहा कि कांग्रेस एक विचार की पार्टी नहीं है। ये तो व्यक्तियों का एक समूह है जो राजनीति की दुकान खोल कर बैठे हैं। किसकी दुकान में कितना सामान, वो तो एक सेल लगाने वाले की तरह है। इनकी समाज के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है। ये तो गुट है और ये लोग न अपनी पार्टी और न ही समाज का भला कर सकते हैं। कांग्रेस इसी तरह खत्म हो जाएगी। उन्होंने कटाक्ष किया कि कांग्रेस के सभी गुटों के नेता पार्टी में गुटबाजी से इंकार करते हैं लेकिन उनके द्वारा की जा रही यात्राओं में दूसरे गुट के लोग शामिल ही नहीं हो रहे।
केवल विधानसभा चुनाव में टिकट लेने के इच्छुक सभी नेताओं को बहका कर भीड़ एकत्र करने की कोशिश में जुटे हैं।

