अम्बाला शहर, 25 अक्तूबर (हप्र)
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे भाकियू-चढ़ूनी से जुड़े किसानों ने आज दशहरा के अवसर पर रावण परिवार के पुतलों के स्थान पर प्रधानमंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री के पुतलों का दहन करके अपना रोष व्यक्त किया। ऐतिहासिक गांव लखनौर साहिब में दशहरा उत्सव होने के कारण कड़ी सुरक्षा के चलते पुतला फूंकने का कार्यक्रम नहीं हो सका तो किसानों ने माजरी व जलबेड़ा के खेतों में यह काम कर डाला। किसानों ने मोदी को आज का रावण करार दिया। गांव माजरी में इस मौके पर भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी स्वयं मौजूद रहे। उन्होंने किसानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि उन्हें तो एक स्थान पर पुतला दहन का पता चला था लेकिन यहां दो स्थानों पर 3 पुतले फूंक कर किसानों से यह दर्शा दिया कि उनमें कृषि कानूनों को लेकर कितना रोष है। चढ़ूऩी ने कहा कि केंद्र के बनाए कानून किसानों, अनाज मंडियों और मजदूरों को तबाह करने वाला है जिसे किसी भी रूप से स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती और किसानों पर बना झूठे मुकदमें रद्द नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि 29 अक्तूबर को होने वाली शाहपुर मंडी वाली बैठक में आगे की रणनीति बनाई जाएगी।